मूलभूत सुविधाओं से वंचित गरीब ग्रामीणों ने लगाया आरोप; कहा आवास के नाम पर सचिव व प्रधान कर रहे धन उगाही
प्रयागराज।राजदेव द्विवेदी। सूबे की सरकार ने इसी उम्मीद के साथ योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए शुरुआत की थी कि प्रत्येक गरीब व्यक्ति और पात्र को रहने के लिए पक्का आशियाना हो और गरीब उम्मीद लगाए बैठे हैं कि उन्हें रहने के लिए सिर पर पक्की छत मिलेगी लेकिन सच तो यह है कि आज भी गरीब और पात्र व्यक्ति मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बसहरा उपरहार के ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि ग्राम प्रधान व सचिव के गठजोड़ ने भ्रष्टाचार की ऐसी पटकथा लिखी है जिसका शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। ग्राम प्रधान व सचिव से लाख मिन्नतें करने के बाद यदि मूलभूत सुविधाओं को मुहैया कराने के लिए बात की जाती है तो आवास के नाम पर सुविधा शुल्क के रूप में नाम दर्ज करवाने के लिए दो हजार फिर बाद में दस हजार से लेकर बीस हजार रुपए की मांग प्रति व्यक्ति की जाती है।टीका टिप्पणी करने पर डांट डपट कर प्रधान के द्वारा पात्रों को भगा दिया जाता है। जबकि सच्चाई यह है कि खुद ग्राम प्रधान व सचिव भ्रष्टाचार की गंगोत्री में डुबकी लगा रहे हैं और अपना-अपना विकास करने में जुटे हुए हैं। ग्राम पंचायत में खुली बैठक के नाम पर कागज पर ही कोरम पूरा किया जाता है। कभी भी खुली बैठक की जानकारी नहीं दी जाती और सचिव कभी सचिवालय में हम लोगों को नहीं मिलते हैं।वही गांव के कुछ लोगों ने प्रधान पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक ओर शासन ने खुले में शौच मुक्त योजना के तहत इज्जत घर जारी करने का प्रबंध कर रखा है लेकिन इज्जत घर की समस्याओं की बात करें तो नजारा इतर है।पानी पीने के लिए लगा हुआ चापाकल जब बिगड़ जाता है और प्रधान से बनवाने के लिए कहा जाता है तो प्रधान कहते हैं कि आपस में चंदा कर लो और मिस्त्री बुलवाकर बनवा लो।यह तो गिने-चुने नमूने हैं साहब और बहुत सी ऐसी योजनाएं हैं जिनका पोल खुलना अभी बाकी है।ग्रामीणों ने योजनाओं की विधिवत जांच कराने की पुरजोर मांग की है कि दोषी पाए जाने पर विभागीय कार्यवाही के साथ-साथ सरकारी धन की रिकवरी कराई जाए। पात्र गरीब लोगों ने मीडिया के माध्यम से विभागीय उच्च अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि हम लोगों को खंड विकास अधिकारी आईएएस भारती मीना से उम्मीद जगी है कि भ्रष्टाचार की पट कथा लिखने वाले भ्रष्टाचारियों पर जांच कर कार्यवाही करें। जिन्होंने विकास के नाम पर तमाम तरह की योजनाओं में सरकारी पैसे का दुरुपयोग कर आपसी बंदरबांट किया है। सीएम योगी के ईमानदार छवि को ग्राम प्रधान व सचिव बदनाम करने पर आमादा हैं।