गंगापुर सिटी | कंस वध,रुक्मणी विवाह मैं उमड़े श्रद्धालु महिला श्रद्धालुओं ने दान दहेज देकर चढ़ाबा चढ़ाया मंगल गीतों से पंडाल गुंजा गंगापुर सिटी विजय पैलेस मैं चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन शनिवार को भागवताचार्य परम पूज्य गोविंद भैया द्वारा कृष्ण बाल लीलाओं का वर्णन किया आचार्य द्वारा महा रास लीला की कथा भजनों के माध्यम से दृष्टांत देते हुए कही आचार्य बोले भगवान कृष्ण योगेश्वर हैं जब इंद्र को यह महसूस हुआ कि मेरे से गलती हुई सब इंद्र द्वारा भगवान की स्तुति की गई गाय माता की स्तुति पर भगवान का नाम गोपाल हुआ क्योंकि कृष्ण भगवान सुबह गायों को लेकर जाते और सांझ पड़े घर आते आचार्य ने कहा की गाय और मां की सेवा से बड़ा पुण्य कार्य और कोई नहीं गाय से हमें दूध घी मक्खन सब कुछ मिलता है जो अमृत के समान है आचार्य ने कहा कि गौशालायों को दान देना चाहिए सहायता करनी चाहिए लेकिन गौशालाओं के भरोसे ही गायों का पालन नहीं हो पा रहा है ऐसे में प्रत्येक हिंदू धर्म सनातनी को प्रत्येक घर में एक-एक गाय का पालन अवश्य करना चाहिए लेकिन आज लोग गाय माता की महता को भूलकर अपने घर में अन्य पशुओं को स्थान देते हैं आचार्य ने कहा के मंदिर का पैसा कार्यक्रमों का पैसा शादी का पैसा दान का पैसा कई कार्यो में लगाया जा सकता है लेकिन गोदान का पैसा सिर्फ गाय माता के पालने में ही लगता है अगर ऐसा नहीं हो तो वह व्यक्ति सबसे बड़ा पाप का भागी होता है आज हम लोग जो समार्थवान है वह एक शादी में लाखों रुपए खर्च करता है लेकिन उसे शादी समारोह के खर्च के साथ उसे एक प्रतिशत गौ माता के पालन में गौशालाओं को अवश्य दान करना चाहिए आचार्य ने एकादशी व्रत का बखान करते हुए कहा के प्रत्येक नागरिक को एकादशी का व्रत करना चाहिए जो की विज्ञान के हिसाब से भी स्वास्थ्य वर्धक है महा रास की कथा में सुखदेव जी द्वारा भगवान के बारे में परीक्षित को बताया कि रासलीला कामवासना नहीं उपासना का प्रतीक थी भगवान से जो लगन लगता है उसकी वह परीक्षा अवश्य लेते हैं महा रासलीला में भगवान ने जब बंसी बजाई तो गोपियों सब काम छोड़कर दौड़ी दौड़ी चली आई तब भगवान ने कहा कि आपका कुछ छूट तो नहीं गया तो गोपियों ने कहा कि भगवान आप में मन लगाने के बाद हमारे पीछे कुछ भी नहीं छूटा भजनों के माध्यम से रासलीला का वृतांत सुनाया तो दर्शक भाव विभोर हो उठे भगवान कृष्णा द्वारा कंस वध का वृतांत सुनाया कंस का वध किया और किस प्रकार अपने हाथों से माता-पिता की वेडिया खोली विस्तार से समझाया रुक्मणी विवाह में रुक्मणी ने भगवान को पत्र भेज कर कहा कि भगवान में ने आपका वरण कर लिया है तब भगवान रथ लेकर रुक्मणी जी को मंदिर से द्वारका ले आए जहां विवाह संपन्न हुआ इस मौके पर संजीव कृष्ण और रुक्मणी की झांकी सजाकर वरमाला कार्यक्रम हुआ बधाइयां गाई कृष्ण रुक्मणी का विवाह धूमधाम से मनाया दर्शकों से खचाखच भरे पंडाल में श्रद्धालुओं भगवान के दर्शन किए और कृष्ण रुक्मणी विवाह में जमकर दान दहेज दिया भगवान की आरती उतारी इससे पूर्व कथा के मध्य आचार्य द्वारा मीडिया कर्मियों का स्वागत कर आशीर्वाद प्रदान किया एवं पूर्व विधायक मानसिंह गुर्जर नगर परिषद सभापति शिवरतन अग्रवाल राधा कृष्ण मंडल , कर्मचारी विकास परिषद, आदि गोयल परिवार के रिश्तेदारों ने आचार्य महाराज का स्वागत व सम्मान कर आशीर्वाद प्राप्त किया कथा आयोजक मोतीलाल गोयल पीलोदा द्वारा सभी का शाल उड़ाकर सम्मान किया रविवार को सुदामा चरित्र, भागवत कथा सार शुकदेव महाराज की पूजा होगी