भक्तों ने ठाकुर जी के साथ खेली गई लड्डू व गुलाल की होली

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अपने मित्र का विपरीत परिस्थितियों में साथ निभाना ही मित्रता का सच्चा धर्म है – पाराशर

डीग 21 मार्च |साकेतवासी बाबा राममनोहर दास जी महाराज द्वारा प्रारंभ की गई एवं उन्ही के शिष्य बाबा शिवरामदास जी महाराज के सानिध्य में शहर के ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर पर आयोजित हो रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन कृष्ण सुदामा चरित्र की कथा का वर्णन करते हुए व्यासपीठ पर विराजमान पूज्य भागवताचार्य पंडित मुरारी लाल पाराशर ने ककथाव्यास ने सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि मित्रता करो, तो भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा जैसी करो। सच्चा मित्र वही है, जो अपने मित्र की परेशानी को समझे और बिना बताए ही मदद कर दे। परंतु आजकल स्वार्थ की मित्रता रह गई है। जब तक स्वार्थ सिद्ध नहीं होता है, तब तक मित्रता रहती है। जब स्वार्थ पूरा हो जाता है, मित्रता खत्म हो जाती है।
उन्होंने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के कहने पर मित्र कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी जाते हैं। जब वह महल के गेट पर पहुंच जाते हैं, तब प्रहरियों से कृष्ण को अपना मित्र बताते है और अंदर जाने की बात कहते हैं। सुदामा की यह बात सुनकर प्रहरी उपहास उड़ाते है और कहते है कि भगवान श्रीकृष्ण का मित्र एक दरिद्र व्यक्ति कैसे हो सकता है। प्रहरियों की बात सुनकर सुदामा अपने मित्र से बिना मिले ही लौटने लगते हैं। तभी एक प्रहरी महल के अंदर जाकर भगवान श्रीकृष्ण को बताता है कि महल के द्वार पर एक सुदामा नाम का दरिद्र व्यक्ति खड़ा है और अपने आप को आपका मित्र बता रहा है। द्वारपाल की बात सुनकर भगवान कृष्ण नंगे पांव ही दौड़े चले आते हैं और अपने मित्र को रोककर सुदामा को रोककर गले लगा लिया।
पाराशर ने व्यास पूजा की कथा का वर्णन करते हुए कहा कि एक व्यक्ति अपने गुरु के मार्गदर्शन में ही मोक्ष प्राप्त कर सकता है। केवल एक शिक्षक या गुरु ही सत्य और मोक्ष का मार्ग दिखा सकता है और उनके बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता है।
पाराशर ने कहा कि संतों के बारे में बताते हुए कहा कि संत कृपा से ही भगवान के साक्षात दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हो सकता है। जिस को संतों का आशीर्वाद प्राप्त हुआ है उन्हें भगवान की प्राप्ति हुई है।

भागवत कथा के दौरान गुलाल होली की रही धूम – ऐतिहासिक लक्ष्मण मंदिर पर भागवत कथा के दौरान लड्डू,गुलाल की भक्तों के साथ होली खेली गई।जहां भक्तों ने ठाकुर जी के गुलाल लगाते हुए होली खेली और एक दूसरे के भी गुलाल लगाकर भक्तों ने होली खेली गई।
इस मौके पर पूर्व जिला न्यायाधीश भगवान दास अग्रवाल,,राधे श्याम अग्रवाल जयपुर,रमेश अरोड़ा,दीपचंद फोजजार,शिवचरन मास्टर,महेश अग्रवाल,सुभाष सराफ,दिनेश सराफ,पहलाद मित्तल,मुकुट नसवरिया, सुन्दर सरपंच,हरचंद पहलवान,केदार सौखिया, शिवलहरी मुद्गल, हरिओम पाराशर, पार्षद सोमनाथ अरोड़ा सहित बड़ी संख्या में महिला पुरुष भक्त उपस्थित थे।


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