निदेशक सीताराम गुप्ता ने रेल मंन्त्री अश्विनी वैष्णव को लिखा पत्र

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उदयपुर आगरा वन्दे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का रूट भरतपुर होकर कराने का आग्रह

केवलादेव नेशनल पार्क, सरिस्का और रणथंबोर अभ्यारणों का बनाना होगा गोल्डन ट्रायंगल

भरतपुर, 02/08/2024 समृद्व भारत अभियान के निदेशक सीताराम गुप्ता ने केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिख कर उदयपुर-आगरा वन्दे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का रूट भरतपुर होकर कराने का आग्रह किया है। साथ ही इस ट्रेन की सौगात के लिए राजस्थान की जनता की ओर से आभार जताया।

निदेशक गुप्ता ने पत्र में लिखा है कि उदयपुर-आगरा वन्दे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात से राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों को बढावा प्राप्त होगा और यात्रियों को कई प्रकार की सुविधाए प्राप्त होगी। साथ ही प्रदेश के कई क्षेत्र आपस में जुडेंगे और प्राचीन धरोहर व पर्यटक स्थलों का महत्व देश-विदेश में कायम होगा। उन्होने पत्र में लिखा है कि वर्तमान में उदयपुर से चलकर आगरा के लिए बयाना जंक्शन के रास्ते जाने वाली इस ट्रेन को भरतपुर होकर चलाया जाए। इस परिवर्तन से भरतपुर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भी इस अत्याधुनिक सुविधा का लाभ मिल सकेगा।

इस वन्दे भारत ट्रेन को वाया भरतपुर होकर चलाया जाना अवश्यक है क्योंकि भरतपुर का विकास पहले ही आगरा ने अवरोध कर रखा है यहां के वाशिंदे अपनी जरूरत और खासकर शादी विवाह का सारा सामान आगरा से खरीदते हैं ! ताज ट्रेपीजियम जोन एवं केवलादेव नेशनल पार्क की वजह से अभी तक कोई वास्तविक मायने में औद्योगिक क्षेत्र विकसित नहीं हुआ है इसलिए बेरोजगारी बहुत है ! तुलनात्मक रूप से भरतपुर में जनसंख्या का घनत्व राजस्थान में सबसे अधिक होने के कारण भी भरतपुर में और अधिक विकास की आवश्यकता है और बेरोजगारी चरम पर है और अब उपरोक्त ट्रेन को वाया भरतपुर ना चलाने की वजह से यहां केवलादेव नेशनल पार्क के टूरिस्ट पर पूरा दुष्प्रभाव पड़ेगा एवं पर्यटन को बहुत बड़ी क्षति होगी। यही नहीं दिल्ली मुंबई ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे भी रणथंबोर के पास होकर निकलता है अतः पहले आगरा एवं अब रणथंबोर की वजह से भरतपुर के विकास का पहिया पूरी तरह से थम जाएगा !

उन्होने लिखा है कि सभी क्षेत्रों में विकास सामान रूप से और ज्यादा हो उसके लिए आवश्यक है कि केवलादेव नेशनल पार्क, सरिस्का और रणथंबोर अभ्यारणों का एक गोल्डन ट्रायंगल बनाया जावे ! जिससे तीनों अभ्यारण आपस में विकास में एक दूसरे के पूरक सिद्ध हो सके!


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