आपदा प्रबंधन की जिला प्रभारी सचिव ने ली समीक्षा बैठक

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प्रभावित क्षेत्रों में बिजली, पानी सहित बुनियादी सुविधाओं की शीघ्र बहाली करने के दिए निर्देश

 जल भराव वाले क्षेत्रों में सर्वोच्च प्राथमिकता से बचाव व राहत कार्यो में लाए तेजी: प्रभारी सचिव

 सवाई माधोपुर, 12 अगस्त। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राजस्थान भण्डार व्यवस्था निगम व जिला प्रभारी सचिव संदीप वर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
प्रभारी सचिव ने सभी विभागों द्वारा समन्वय स्थापित कर प्रभावित क्षेत्रों में हर संभव त्वरित राहत पहुंचाने तथा बचाव-राहत कार्य को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए जलभराव वाले क्षेत्रों का दौरा कर पानी निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करने, प्रभावित क्षेत्रों में पानी, बिजली सहित बुनियादी सुविधाओं की शीघ्र बहाली करने के निर्देश दिए है। जल त्रास्दी के कारण मानवीय क्षति एवं पशु हानि की स्थिति में नियमानुसार मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए है। उन्होंने जिला रसद अधिकारी बनवारी लाल शर्मा को निर्देशित किया कि सभी निजी व सरकारी वेयर हाउस का निरीक्षण कर क्षतिग्रस्त होने से नुकसान होने की सम्भावना पर जल निकासी का उचित प्रबंध सुनिश्चित किया जाए। साथ ही उन्होंने भोजन, पेयजल, दवाइयों की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए।
उन्होंने क्षेत्र में मौजूदा बांधों, नहरों व एनीकटों की स्थिति की लगातार निगरानी करने, जिला नियंत्रण कक्ष की सक्रियता, जलभराव व जर्जर सरकारी भवनों, शिक्षण संस्थानों का चिन्हीकरण सहित आपदा की स्थिति में गौताखोर, सिविल डिफेन्स एवं उनके लिए आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता के संबंध में जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने संवेदनशील स्थानों के चिन्हिकरण के साथ ही रेस्क्यू टीमें तैयार रखने एवं आपदा प्रबंधन से जुड़े समस्त प्रोटोकॉल की पूर्ण पालना के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि पुलिया एवं रपट पर पानी बहने पर समस्त वाहनों एवं पैदल जाने वालों का आवागमन रोक दिया जाए तथा खतरे वाले जल स्त्रोतों एवं पुलिया के दोनों तरफ चैतावनी बोर्ड लगवाने के निर्देश अधीक्षण अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग हरिसिंह को प्रदान किए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग एवं नगर परिषद के अधिकारी जल भराव सम्भावित क्षेत्रों में विद्यालयों, कोचिंग संस्थानों एवं लाईब्रेरियों का संचालन बेसमेंट में नहीं हो यह सुनिश्चित किया जाए।
उन्होंने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को मोबाइल टीमें बनाने, क्लोरीन की टैबलेट एवं अन्य जीवन रक्षक दवाओं के साथ ही डेंगू एवं मलेरिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों से निपटने के भी पूरे इंतजाम रखने तथा पशुपालन विभाग को पशुओं में फैलने वाली मौसमी बीमारियों की रोकथाम एवं चारे-पशु आहार आदि के लिए व्यवस्थाएं करने को कहा। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधिकारी को बारिश के मौसम में पानी की सेंपलिंग एवं क्लोरीनेशन करवाकर पेयजल की शुद्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जन-जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से सुनिश्चित करें कि आमजन बारिश के दिनों में जल भराव क्षेत्र में ना जाए तथा बच्चों को भी तालाब, एनिकट, झरने, नदी-नालो से दूर रखें।
बैठक में जिला कलक्टर डॉ. खुशाल यादव, पुलिस अधीक्षक ममता गुप्ता, अतिरिक्त जिला कलक्टर जगदीश आर्य, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरिराम मीना, एसडीएम अनिल कुमार चौधरी, नगर परिषद आयुक्त फतेह सिंह, सहित आपदा प्रबंधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


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