समीक्षा गौतम सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने सखी वनस्टॉप सेन्टर, यश दिव्यांग सेवा संस्थान एवं जिला कारागृह का निरीक्षण कर जांची व्यवस्थाएं


सवाई माधोपुर| राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सवाई माधोपुर के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव समीक्षा गौतम ने सखी वनस्टॉप सेन्टर का निरीक्षण कर मौके पर उपस्थित सखी वनस्टॉप सेन्टर की केन्द्र प्रबंधक हिना सिंह से वनस्टॉप सेन्टर में पीड़िताओं की संख्या, पीड़िताओं को दी जाने वाली विधिक सहायता, चिकित्सकीय सुविधाओं, कुशल परामर्शदाता, पीड़िताओं को अस्थाई आश्रय की सुविधा, स्नानागार, पर्याप्त ओढ़ने-बिछाने की व्यवस्था, पीड़िताओं के दैनिक उपयोग की वस्तुओं की उपलब्धता, भोजन-पेयजल की व्यवस्था, पीड़िताओं के साथ घटित घटना के संबंध में पुलिस के प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाने की कार्यवाही आदि के संबंध में पूछताछ की गई। सचिव समीक्षा गौतम ने केन्द्र प्रबंधक हिना सिंह को सखी सेन्टर पर आने वाली महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों, निःशुल्क विधिक सहायता, पीड़ित प्रतिकर योजना, पोश एक्ट आदि के संबंध में जानकारी प्रदान करने एवं पीड़ित महिलाओं व बालिकाओं को तत्काल सहायता उपलब्ध करवाने के संबंध में निर्देश प्रदान किये।

साथ ही सचिव समीक्षा गौतम द्वारा यश दिव्यांग सेवा संस्थान का निरीक्षण कर मौके पर उपस्थित सुपरवाइजर विकास कुमार गुर्जर एवं विशेष शिक्षक बृजराज सिंह से विशेष रूप से सक्षम बालकों को दी जाने वाली भोजन, पेयजल आदि सुविधाओं के संबंध में पूछताछ की गई, साथ ही विशेष रूप से सक्षम बालकों के कौशल विकास के लिए संचालित गतिविधियों, अध्ययन क्लासेज, दिव्यांग बालकों के लिए बैसाखी, व्हीलचेयर, ट्राईसाईकिल की उपलब्धता, विशेष रूप से सक्षम बालकों को गर्मी से बचाने के लिए मौसमानुकूल इंतजामों आदि के संबंध मे जांच की गई। दौराने निरीक्षण कुल 45 आवासित बालक संस्थान में मौजूद पाएं गए। विशेष रूप से सक्षम बालकों को प्रदान की जाने वाली सुविधाएं संतोषजनक पाई गई।

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जिला कारागृह सवाई माधोपुर के निरीक्षण के दौरान 95 बंदी एवं मुख्य प्रहरी नरेश कुमार मीना व महेश चन्द शर्मा सहित अन्य स्टाफकर्मी उपस्थित पाएं गएं। सचिव समीक्षा गौतम द्वारा बंदियों से वार्ता कर जेल प्रशासन की व्यवस्थाओं, उन्हें प्रदान भोजन, पेयजल, चिकित्सकीय सुविधाओं, कानूनी प्रतिनिधित्व हेतु अधिवक्ता की उपलब्धता, उनके संबंधित मुकदमों की ताजा अपडेट आदि के संबंध में पूछताछ कर उनकी समस्याओं को सुना गया। दौराने निरीक्षण किसी भी बंदी द्वारा उन्हें प्रदान की जा रही मूलभूत सुविधाओं के संबंध में कोई शिकायत नहीं की गई।


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