जिला कलक्टर की अपील: मॉक ड्रिल के दौरान घबराए नहीं, सक्रिय भागीदारी निभाएं


मुख्य सचिव ने नागरिक सुरक्षा, पूर्वाभ्यास के लिए निर्देश दिए

सवाई माधोपुर, 6 मई। मुख्य सचिव सुधांश पंत ने मंगलवार को सभी जिलों के कलक्टर एवं अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस बैठक में भारत सरकार की ओर से बुधवार, 7 मई को प्रस्तावित मॉक ड्रिल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जिला कलक्टर शुभम चौधरी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्य सचिव ने बैठक में बताया कि भारत सरकार ने इस मॉक ड्रिल को “ऑपरेशन अभ्यास” नाम दिया है, जो प्रशासनिक, पुलिस, नागरिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य कार्मिकों के साथ-साथ आम नागरिकों के लिए भी आपात स्थिति में सुरक्षित व्यवहार सीखने का महत्वपूर्ण अवसर है।
जिला कलक्टर शुभम चौधरी ने प्रस्तावित पूर्व अभ्यास के क्रम में मुख्य सचिव की ओर से दिए गए निर्देशों और मॉक ड्रिल के लिए निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) की पालना सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने जिलेवासियों से अपील की है कि वे 7 मई 2025 (बुधवार) को केन्द्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशन में आयोजित हो रही सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल में सक्रिय रूप से भाग लें। उन्होंने कहा है कि सभी लोग इस अभ्यास का किसी भी आपात स्थिति में नागरिक सुरक्षा से संबंधित सबक सीखने के अवसर के रूप में उपयोग करें।
शुभम चौधरी ने कहा कि गृह मंत्रालय भारत सरकार के निर्देश पर “हवाई हमले की स्थिति” से निपटने का पूर्वाभ्यास किया जाएगा। इस क्रम में रात के समय ब्लैक आउट का भी पूर्वाभ्यास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रव्यापी अभ्यास आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया, संसाधनों के बेहतर प्रबंधन और विभागीय समन्वय की कसौटी पर खरा उतरने का पूर्वाभ्यास है, जिसमें गांव स्तर तक सभी लोगों की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
कलक्टर ने अनुसार, इस अभ्यास का उद्देश्य न केवल आपदा के समय प्रशासन की तैयारियों को परखना है, बल्कि आम नागरिकों, विशेषकर विद्यार्थियों और युवाओं को आपदा प्रबंधन एवं सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक और प्रशिक्षित करना भी है।
जिला कलक्टर ने कहा कि हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली, हॉटलाइन/रेडियो लिंक, नियंत्रण कक्षों की कार्यप्रणाली, ब्लैकआउट तैयारी, मेडिकल, रसद और अग्निशमन व्यवस्था जैसी व्यवस्थाओं का अभ्यास इस ड्रिल में किया जाएगा। उन्होंने एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड, विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के विद्यार्थियों से विशेष रूप से इस गतिविधि में भाग लेने का आग्रह किया है ताकि आपदा की स्थिति में वे समाज के लिए मजबूत सहयोगी बन सकें।
सभी नागरिकों, शिक्षण संस्थानों, स्वयंसेवी संगठनों और विभागीय अधिकारियों से अनुरोध है कि वे इस अभ्यास में अपनी जागरूक, जिम्मेदार और सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करें और जिले को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सशक्त बनाने में योगदान दें।

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