राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिलास्तरीय कार्यक्रम आयोजित

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बच्चों का डर दूर करने के लिए सीएमएचओ ने पहले खुद खाई दवा

1 से 19 वर्ष तक के बच्चे को खिलाई एल्बेंडाजोल

जिले में 640534 बच्चो को दवा खिलाने का लक्ष्य

सवाई माधोपुर। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 10 अगस्त के अवसर पर जिले के 1 वर्ष से 19 वर्ष आयु के सभी बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोल की गोली खिलाई गयी। सवाई माधोपुर में कार्यक्रम का जिला स्तरीय शुभारंभ मानटाउन बालिका विद्यालय में किया गया।

बच्चों का डर दूर करने के लिए सीएमएचओ ने पहले खुद खाई गोली
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ धर्मसिंह मीना ने बच्चो में दवा के डर को दूर करने के लिए पहले खुद गोली खाई ताकि बच्चे आश्वस्त होकर दवा खा सके। मानटाउन बालिका विद्यालय में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा बालिकाओं को एल्बेंडाजोल गोली खिलाकर कार्यक्रम का जिला स्तरीय शुभारंभ किया गया। साथ ही अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ कैलाश सोनी, रमसा से दिनेश गुप्ता, प्रिंसिपल रेणु भास्कर, जिला कार्यक्रम प्रबंधक सुधीन्द्र शर्मा ने भी बालिकाओं को दवा खिलाई।
इस अवसर पर स्कूल स्टाफ, चिकित्सा विभाग का स्टाफ व नेहरू युवा केन्द्र से रजत भारद्वाज मौजूद रहे।

सीएमएचओ ने बताया कि जिले में 640534 बच्चो को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने जानकारी दी कि मिट्टी जनित कृमि संक्रमण से बच्चों व किशोर-किशोरियों का शारीरिक व बौद्धिक विकास अवरूद्ध हो जाता है व हिमोग्लोबिन स्तर कम हो जाता है। उनमें कृमि संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर उन्हें ये दवा खिलाई जा रही है। कृमि संक्रमण बच्चों के शारीरिक विकास, हीमोग्लोबिन स्तर, पोषण और बौद्धिक विकास पर भी हानिकारक प्रभाव डालता है। ऐसे में निश्चित समयांतराल पर कृमि मुक्ति (डिवर्मिंग) करने से कृमि संक्रमण (पेट के कीडो की समस्या) के फैलाव को रोका जा सकता है।

अतिरिक्त सीएमएचओ डॉ कैलाश सोनी ने बताया कि सभी चिकित्सा संस्थानों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, राजकीय व निजी विद्यालयों, मदरसों व महाविद्यालय में अध्ययनरत 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल गोली खिलाई गयी है। वहीं 17 अगस्त को मॉप अप दिवस के अवसर पर वंचित रहे बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। आंगनबाड़ी केन्द्रों में 1 से 5 वर्ष के पंजीकृत व अपंजीकृत बच्चों तथा विद्यालय नहीं जाने वाले 6 से 19 वर्ष के समस्त बच्चों व किशोर-किशोरियों को दवा खिलाई गयी। 1 से 2 साल के बच्चों को आधी गोली पीसकर पानी के साथ चम्मच से, वहीं 2 से 3 वर्ष के आयु के बच्चों को आधी गोली चबाकर व 3 साल से ऊपर के सभी बच्चों को एक एल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खिलाई गयी। इस कार्यक्रम में चिकित्सा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग व शिक्षा विभाग एक साथ मिल कर कार्य कर रहे हैं।

सभी ब्लॉकों व चिकित्सा संस्थानों पर भी बच्चो को दवा खिलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। साथ ही जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों द्वारा कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सघन मोनिटरिंग की गई।


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