अपना कोई दर्द नहीं, फिर किसका दर्द मुझे होता है
भीलवाडा।जिला साहित्यकार परिषद् भीलवाड़ा द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी स्थानीय सिंधुनगर स्थित हेमू कालानी शिक्षण संस्था भवन परिसर में सम्पन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता दयाराम मेठानी ने की एवं कार्यक्रम का संचालन राधेश्याम शर्मा ने किया। गोष्ठी में विभिन्न विषयों पर रचनायें प्रस्तुत की गई जिसमें विशेष कर चुनाव एवं मतदाताओं पर रचनाओं के साथ साथ अन्य अनेक विषयों पर इंद्र धनुषी रचानाये प्रस्तुत की गई। गोष्ठी सरस्वती वंदना से आरंभ हुई। गोष्ठी का शुभारंभ रतन कुमार चटुल ने करते हुए ‘‘आया चुनाव आया चुनाव, कौवों की लग रही कांव-कांव,’ महेन्द्र शर्मा ने ‘‘अपना कोई दर्द नहीं, फिर किसका दर्द मुझे होता है,’’ दिनेश दीवाना ने ‘‘कितना सच्चा कितना झूठा नेताजी का नाम,’’ बृजसुंदर सोनी ने डाॅ. अम्बेडकर को याद करते हुए कहा ‘‘नींद अपनी खोकर जगाया हमको’’, अभिलाषा जोशी ने ‘‘उलझो मत नशे में धुत्त इंसान से’’, शिखा बाहेती ने ‘‘नेक कर्म करता जो संसार में, डूबता नहीं वो मझधार में’’, दिव्या ओबेराय ने माँ की महिमा पर बोलते हुए कहा ‘‘माँ जीवन का सुंदर काण्ड है, माँ सारा ब्रह्माण्ड है’’, दयाराम मेठानी ने ‘‘मीत अपने की सदा मनुहार करता हूँ’’, सुनाकर तालियां बटोरी। राधेश्याम शर्मा, ओम उज्ज्वल एवं श्याम सुंदर तिवारी ने चुनावों पर अपने अपने ढंग से रचनाये प्रस्तुत की। इसके अलावा काव्य गोष्ठी में हीरो वाधवानी, प्रेम सोनी ने अपनी रचनायें प्रस्तुत कर वाहवाही बटोरी।