जिला शिशु वाटिका कार्यशाला संपन्न

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बागीदौरा| विद्या भारती संस्थान बांसवाड़ा द्वारा संचालित विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय बागीदौरा में जिला स्तरीय एक दिवसीय शिशु वाटिका कार्यशाला विद्या भारती चित्तौड़ प्रांत के प्रांत शिशु वाटिका प्रमुख पूनमचंद राठौड़ के सानिध्य में संपन्न हुई । कार्यशाला में जिले की 16 शिशु वाटिका के 2 गुरुजी वह 36 दीदियों ने भाग लिया। प्रांत शिशु वाटिका प्रमुख ने प्रातः काल विद्यालय की वंदना सभा का अवलोकन किया व भैया बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे जीवन में हमारे माता-पिता व हमारे गुरुजनों का स्थान सबसे सर्वोच्च होता है। कहानी के माध्यम से अपने जीवन में अपने माता-पिता व गुरुजनों की महिमा का बखान किया।इस अवसर पर विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्य प्रदीप दीक्षित (अधिवक्ता) उपस्थित रहे।कार्यशाला पांच छात्रों में संपन्न हुई। कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में कार्यशाला की भूमिका एवं अतिथियों का परिचय विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पूनम सोलंकी ने करवाया तथा स्वागत आशा दीदी व चेतना दीदी ने करवाया कार्यशाला के प्रथम सत्र में प्रांत शिशु वाटिका प्रमुख पूनम जी भाई साहब ने शिशु वाटिका क्या, क्यों और कैसे ?विषय पर आचार्य ,दीदी के साथ चर्चा की । उन्होंने बताया कि बालक के मस्तिष्क का 85% विकास शून्य से 5 वर्ष तक की आयु में ही होता है। तथा बालक का विकास गर्भावस्था से ही प्रारंभ हो जाता है। अतः बालक को शिक्षा व संस्कार देने के लिए जीरो से 5 वर्ष तक की आयु ही उपयुक्त होती है । इसमें जो ज्ञान प्राप्त होता है वह जीवन भर के लिए स्थाई होता है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिशु शिक्षा के लिए ECCE (प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा) के अंतर्गत शिशु वाटिका की 12 व्यवस्थाओं पर आधारित शिक्षण की व्यवस्था है। उन्होंने कहा ,कि बालक को इस आयु में स्नेह, सुरक्षा व स्वतंत्रता की आवश्यकता होती है, और इसी आधार पर यदि बालक को सिखाया जाए तो बालक का समग्र विकास होता है। द्वितीय सत्र में चेतना जोशी जिला शिशु वाटिका प्रमुख ने शिशु वाटिका की 12 शैक्षिक व्यवस्थाएं क्यों, क्या व कैसे ?के विषय में चर्चा की ।तृतीय सत्र दीपिका शर्मा जिला शिशु वाटिका सह प्रमुख ने शिशु वाटिका में संचालित 24 गतिविधियां और हम विषय पर प्रकाश डाला साथ ही हमें कक्षा में गतिविधि आधारित शिक्षण कैसे करवाना चाहिए इसका प्रयोग भी प्रस्तुत किया। चतुर्थ सत्र में पूनम राठौड़ ने शिशु वाटिका में पढ़ाने वाले आचार्य , दीदियों की संख्या तथा संपन्न कार्यक्रमों की जानकारी ली तथा अंतिम सत्र में शिशु वाटिका के आगामी वार्षिक कार्यक्रम तथा कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा हुई । कार्यशाला के अंतिम सत्र में विद्यालय प्रबंध समिति की सदस्य दर्शिका शर्मा का सानिध्य प्राप्त हुआ । यह जानकारी विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पूनम सोलंकी ने दी।


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