कुशलगढ़| बांसवाड़ा खांदु कॉलोनी में शिव मंदिर आलोक स्कूल के पीछे दिव्य ज्योति जागृती संस्थान द्वारा 2,3व 4 फरवरी त्री दिवसीय आध्यात्मिक सत्संग प्रवचन का आयोजन हुआ। जिसमें सर्वश्री आशुतोष जी महाराज की शिष्या विदुषी चिन्मया भारती, विदुषी पूनम भारती व विदुषी मनीषा भारती ने कहा कि जिस प्रकार सूर्य की रोशनी शाम को सूर्य में ही समा जाती है, चंद्रमा की चांदनी सुबह चंद्रमा में ही समा जाती है ठीक उसी प्रकार सभी अंश एक समय बाद अंश में मिल जाता है किंतु हमारे अंदर परमात्मा है हम उस अंश में मिलना नहीं चाहते हम ईश्वर से दूर होते जा रहे हैं जो हमारे दुख का कारण है। ईश्वर तक पहुंचने का मार्ग है सत्संग ,यह जीवन ईश्वर की भक्ति के लिए ही मिला है। साध्वी ने कहा कि एक पल में जिंदगी नहीं बदलती किंतु एक पल में भगवान का चुनाव करने से जिंदगी बदल जाती है। मनुष्य का जीवन इतना महान है जिसे प्राप्त करने के लिए देवी देवता भी तरसते हैं, दरिद्रता पर व्याख्या करते हुए बताया कि जो ईश्वर व माया के भेद को समझ नहीं पाए वह व्यक्ति दरिद्र है संत के पास जाने से विचारों की दरिद्रता दूर होती है। ब्रह्म का अर्थ होता है ईश्वर व ज्ञान का अर्थ होता है जानना अर्थात ब्रह्म ज्ञान से तात्पर्य है ईश्वर को जानना। विभिन्न भजन- ढूंढने वाले से कोई कह दे जरा ,जिन राम न जाना क्या जाना फिर व्यर्थ हुआ आना-जाना, मेरा भोला है भंडारी शिव शंकर अविनाशी, ध्यान मैया जी का तू लगा ले नसीबा तेरा जाग जाएगा, भजनों पर श्रोता गण भाव विभोर हो गए । तबले पर संगत गुरु भाई ओमप्रकाश जेठवा ने दी अंत में आरती प्रसाद के साथ समारोह को विराम दिया गया।