रक्तदान करना मानव का सबसे बड़ा धर्म है: मांडल एसडीएम छोटूलाल शर्मा


धन निरंकार उद्घोष के साथ किया 147 यूनिट रक्तदान, निष्काम सेवा का अनुपम संकल्प

भीलवाडा। प्रेम और भाईचारे की भावना को उजागर करता ’‘मानव एकता दिवस’,’ निरंकारी मिशन द्वारा प्रति वर्ष 24 अप्रैल को बाबा गुरबचन सिंह की पावन स्मृति में श्रद्धा और आध्यात्मिक भावनाओं से परिपूर्ण वातावरण में आयोजित किया जाता है। यह दिन केवल पुण्य स्मरण का अवसर नहीं, अपितु मानवता, सौहार्द और एकत्व की भावनाओं का एक आत्मिक संगम है। मानव एकता दिवस के अवसर पर मिशन द्वारा भीलवाड़ा सहित देशभर में रक्तदान की प्रेरक श्रृंखला आरंभ होती है, जो निःस्वार्थ सेवा भावना की सामूहिक जागृति का स्वरूप बनकर पूरे वर्ष समाज में प्रवाहित होती रहती है। इसके साथ ही सत्संग कार्यक्रमों के माध्यम से प्रेम, शांति और समरसता का प्रकाश भी जन-जन तक पहुँचाया जाता है। यह दिन इस बात का परिचायक है कि सेवा केवल एक कार्य नहीं, अपितु निष्काम समर्पण का आत्मिक भाव है। भीलवाड़ा जॉन के जोनल इंचार्ज संत जगपाल सिंह ने बताया कि सद्गुरु माता सुदीक्षा महाराज की कृपा से आरजिया चौराहा स्थित निरंकारी सत्संग भवन पर मिशन से जुड़े श्रद्धालु भक्तों ने बढ़ चढ़कर धन निरंकार की उद्घोष के साथ 147 यूनिट रक्तदान किया। इस बार माता एवं बहनों की भी अधिक भागीदारी रही। 25 से अधिक रक्तदाताओं को अयोग्य घोषित होने पर मायूस लौटना पड़ा। स्थानीय मीडिया सहायक लादूलाल ने बताया कि इस वर्ष भी संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा पूरे भारतवर्ष की लगभग 500 से अधिक ब्रांचों पर भव्य रक्तदान शिविरों की अविरल श्रृंखला आयोजित की गई। दिल्ली स्थित ग्राउंड नंबर 8, निरंकारी चौक बुराड़ी में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर विशेष रूप से केंद्र बिंदु रहा, जहाँ श्रद्धालु अधिक संख्या में सम्मिलित हुए। सभी ने पूर्ण उत्साह और समर्पण के साथ स्वेच्छा भाव से रक्तदान कर मानव कल्याण में अपना सहयोग दिया। उदयपुर से आए ज्ञान प्रचारक बहन रेणु निमावत ने सत्संग सभा को संबोधित करते हुए कहा कि युगदृष्टा बाबा गुरबचन सिंह ने सत्य बोध के माध्यम से समाज को अंधविश्वासों और कुरीतियों से मुक्त कर, नशा मुक्ति, सादा विवाह और युवाओं को सकारात्मक सोच के साथ जोड़ने जैसे लोक-कल्याणकारी अभियानों की प्रेरक शुरुआत की। उनके पावन मार्गदर्शन को आगे बढ़ाते हुए बाबा हरदेव सिंह जी ने ’“रक्त नाड़ियों में बहे,’ ’नालियों में नहीं”’ का अमर संदेश देकर रक्तदान को मिशन की आध्यात्मिक सेवा का अभिन्न अंग बना दिया। यह संदेश आज भी प्रत्येक निरंकारी भक्त के हृदय में सेवा और समर्पण की प्रेरक लौ बनकर जीवंत है। रक्तदान शिविर में महामंडलेश्वर हंसराम महाराज, मांडल एसडीएम, छोटूलाल शर्मा, समाजसेवी प्रकाश चंद्र छाबड़ा, त्रिलोक चंद्र छाबड़ा, रमेशचंद्र नहेरिया, आदि ने रक्तदातों का उत्साह वर्धन किया। महामंडलेश्वर हंसाराम महाराज ने कहा कि मनुष्य को सत्संग एवं सेवा व सुमिरन से सदा जुड़ा रहना चाहिए सेवा सुमिरन मनुष्य का कल्याण का मार्ग हैं। मांडल एसडीएम ने भी निरंकारी मिशन की प्रशंसा करते हुए कहा कि रक्तदान करना मानव का सबसे बड़ा धर्म है। संत निरंकारी हेल्थ सिटी की मेडिकल डाइरेक्टर गीतिका दुग्गल ने बताया कि आज सम्पूर्ण भारतवर्ष में आयोजित रक्तदान श्रृंखला में लगभग 30,000 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया, जिनमें से केवल दिल्ली शिविर में ही लगभग 1,000 यूनिट रक्तदान हुआ। यह दिवस चाचा प्रताप सिंह सहित उन सभी समर्पित बलिदानी संतों की पुण्य स्मृति का प्रतीक है, जिन्होंने मानव एकता, निःस्वार्थ सेवा और आध्यात्मिक चेतना के मार्ग पर चलते हुए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया। मानव एकता दिवस उन्हीं संतों के दृढ़ विश्वास व संकल्प की प्रेरणा को जीवंत करता है। रक्त संग्रहित महात्मा गांधी चिकित्सालय की ब्लड बैंक की टीम इंचार्ज भागचंद सोनी एवं डॉक्टर धर्मवीर बेरवा की देखरेख में रक्तदाता योग्य घोषित होने पर रक्त संग्रहित किया गया। अंत में जोनल इंचार्ज संत जगपाल सिंह ने आए हुए अतिथियों एवं ब्लड बैंक टीम तथा साथ संगत का आभार प्रकट किया।


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