अभाव की चिंता मत कर – हरि शेवा है साथ: महामंडलेश्वर हंसराम
भीलवाड़ा। पेसवानी। प्रतिभावान बालिका दुर्गा कुमावत जो कि पावर लिफ्टिंग जैसे खेल में अनेक पदक जीत चुकी है, वर्तमान में श्रीगंगानगर में इस खेल की तैयारी में लगातार जुटी हुई है। श्रीगंगानगर में इस खेल का प्लेटफार्म होने से ये अपनी पढ़ाई भी साथ-साथ कर रही हैं। आज हरि शेवा धर्मशाला ट्रस्ट द्वारा महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सानिध्य में इस प्रतिभावान बालिका का सम्मान किया गया। हरि शेवा संस्थान द्वारा स्पेशल स्काड कॉस्टयूम एवं प्रसाद, पौष्टिक आहार, बादाम, खजूर, श्री राम मंदिर का सिल्वर मोमेंट, शाल ओढ़ा कर सम्मान किया गया। इस अवसर पर महंत हनुमान राम उदासी पुष्कर, संत राजाराम, संत गोविंदराम, आरएसएस चित्तौड़ प्रांत कुटुंब प्रबोधन संयोजक रवीन्द्र कुमार जाजू, शरदसिंह चौहान पंचायत समिति सदस्य प्रतिनिधि, शक्तिसिंह राणावत बूथ अध्यक्ष भाजपा आरजिया, अरुणसिंह मयापुर महानगर मंत्री एबीवीपी, अधिवक्ता अभिमन्यु जोशी, ट्रस्टी कन्हैयालाल मोरियानी, गोपाल नानकानी सहित अनेक प्रबुद्धजन भी सम्मिलित हुए। सभी के द्वारा बालिका के प्रतिभावान एवं गुणी होने की प्रशंसा कर प्रोत्साहित किया गया। दुर्गा कुमावत मंगलपुरा भीलवाड़ा निवासी कन्हैयालाल कुमावत की पुत्री हैं। यह 6 बहनो में चौथे नंबर की है। माता-पिता मजदूरी करके परिवार पाल रहे हैं। इन विषम परिस्थितियों में भी राज्य स्तर पर चार गोल्ड मेडल (एक स्कूल, एक कॉलेज, दो ओपन स्टेट फेडरेशन) प्राप्त किए हैं। इसी प्रकार राष्ट्रीय स्तर पर इंटर कॉलेज में कांस्य पदक प्राप्त किया। जनवरी 2023 औरंगाबाद महाराष्ट्र में इंडिया पावर लिफ्टिंग फेडरेशन सब जूनियर प्रतियोगिता में सिल्वर पदक एवं दिसंबर 2023 में ओपन नेशनल में कर्नाटक में इंडिया पावर लिफ्टिंग फेडरेशन जूनियर में सिल्वर पदक हासिल किया। यह बालिका राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और मुकाम हासिल कर अपने देश, गुरुजनों, माता-पिता का नाम रोशन करना चाहती है। पावर लिफ्टिंग जैसे खेल की प्रैक्टिस निरंतर अपने गुणीजन कोचों सुमित ढींगरा, दिनेश भाटीवाल के निर्देशन में प्राप्त कर रही हैं। इनके परिवार में पिता, माता एवं 6 बहनें है। पारिवारिक विषमताओं के चलते इन्होंने अपने स्तर पर यह मुकाम प्राप्त किया है। श्रीगंगानगर में इस बालिका के प्रतिभाशाली होने से कोच एवं अन्य फीस माफ की गई है। अन्य खर्च ₹6000 प्रति माह हो रहे हैं। विषम परिस्थितियों में भी यह खर्च ऐसे परिवार के लिए काफी ज्यादा है। यदि इस बालिका को किसी संस्थान अथवा सरकार की तरफ से निर्देशन सहयोग मिले तो यह भीलवाड़ा एवं राजस्थान राज्य का नाम खेल के क्षेत्र में देश-विदेश में रोशन कर सकती हैं। यह ऐसी विशेष प्रतिभा रखती है।