कृषि विभाग द्वारा पोषक धान्य (मिलेट्स) पर जिला स्तरीय कार्यशाला सम्पन्न
बेहतर स्वास्थ्य के लिए दैनिक खानपान में शामिल करें मिलेट्स – डॉ. गर्ग
भरतपुर, 21 सितम्बर। अन्तर्राष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के तहत पोषक अनाजों (मिलेट्स) के उत्पादन में वृद्धि, मूल्य संवर्धन एवं उससे बनने वाले उत्पादों के प्रति जागरूकता लाने के लिये कृषि विभाग द्वारा जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन महात्मा गांधी पशु चिकित्सा महाविद्यालय, भरतपुर में किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि डा. सुभाष गर्ग, तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री राजस्थान सरकार द्वारा कार्यशाला का उद्घाटन किया गया एवं उदबोधन में उपस्थित प्रतिभागियों से मिलेट्स जैसे बाजरा, ज्वार, रागी, सवां आदि को अपने भोजन में सम्मलित करने का आग्रह किया तथा मिलेट्स को खाने से शरीर में होने वाले लाभों के बारे में जानकारी दी। माननीय मंत्री महोदय द्वारा कृषि विभाग की योजनाओं जैसे तारबन्दी, फार्मपौण्ड, सब्जी मिनिकिट्स, जैविक खेती व विद्यार्थियों को देय राज्य सरकार की सहायता के बारे में जानकारी दी तथा कृषकों से योजनाओं का लाभ लेने का आग्रह किया।
अतिरिक्त निदेशक कृषि (तिलहन) देशराज सिंह ने विभिन्न पोषक धान्य (मिलेट्स) फसलों के प्रकारों तथा इनके उपयोग से डायबिटिज व अन्य रोगों के प्रति होने वाले लाभों की जानकारी दी। इस अवसर पर अन्य मुख्य वक्ता डा. अमर सिंह डीन महाराजा सूरजमल कृषि महाविद्यालय, जनकराज मीणा उपनिदेशक उद्यान, शिवकुमार सिहं उप निदेशक (शस्य) द्वारा पोषक धान्य फसलों के उत्पादन, उनके मूल्य संवर्धन एवं आम जीवन में उनकी उपयोगिता की जानकारी दी। संयुक्त निदेषक कृषि रमेश चन्द महावर ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा वर्ष 2023 को “अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023“ मनाने की घोषणा की है। पोषक धान्य जैसे सवां, कोन्दों, कुटकी, ज्वार, बाजरा आदि फसलों की आम जीवन में उपयोग होने वाले उत्पाद के अतिरिक्त अन्य उत्पादों के विनिर्माण व उनसे अपनी आय में वृद्धि के लिये किसानों से पं्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना करने का आग्रह किया।
कार्यशाला मंे नगर निगम पार्षद सतीश सोगरवाल सहित 250 से अधिक प्रतिभागियों- किसान, जनप्रतिनिधि, स्वयंसेवी सस्थाओं के सदस्य, एफ.पी.ओं, कृषि आदान विक्रेता, कृषि विभाग के अधिकारी, कृषि महाविद्यालयों के डीन एवं छात्रों द्वारा भाग लिया गया।