साहित्यकारों का सृजन हमारी संभावना जगाता-डा. मंडेला
शाहपुरा|राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी बीकानेर एवं जन साहित्य मंच कोटा के संयुक्त तत्वावधान में आपणा पुरोधा दो दिवसीय संभागीय रचनाकार समारोह कोटा में शाहपुरा (भीलवाड़ा) के कवि एवं वरिष्ठ साहित्यकार डा. कैलाश मंडेला की पुस्तक हेली सुणजे ए का विमोचन किया गया।
कोटा में आज स्वर्गीय प्रेमजी प्रेम के व्यक्तित्व एवं कृतित्व तथा राजस्थानी भाषा के लिए इनके योगदान पर युवा रचनाकार कुलदीप विद्यार्थी ने पत्र वाचन किया एवं चर्चा सत्र आयोजित हुआ। मंच पर मुख्य अतिथि अतुल कनक रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता शाहपुरा के कवि एवं साहित्यकार डा. कैलाश मंडेला ने की।
इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे शाहपुरा (भीलवाड़ा) के कवि एवं वरिष्ठ साहित्यकार कैलाश मंडेला की किताब हेली सुणजे ए का विमोचन किया गया। वरिष्ठ साहित्यकार एवं गीतकार मुकुट मणिराज ने किताब के बारे में संक्षिप्त वर्णन किया। जन साहित्य मंच कोटा के संस्थापक मुकुट मणिराज और अध्यक्ष हरिचरण अहरवाल ने सभी का स्वागत किया। उदघाटन सत्र में मुख्य अतिथि राजस्थान कांग्रेस कमेटी सचिव राखी गौतम थी। अध्यक्षता राजस्थानी भाषा साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष भरत ओला ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि रामकुमार दाधीच रहे।
आपणा पुरोधा कार्यक्रम में साहित्यकार स्वर्गीय डा. शांति भारद्वाज राकेश, स्वर्गीय प्रेमजी प्रेम पर पत्र वाचन के माध्यम से उनका राजस्थानी भाषा में योगदान और उनके कृतित्व और व्यक्तित्व पर चर्चा की गई। सत्र की अध्यक्षता करते हुए कवि मण्डेला ने राजस्थानी के पुरोधा रहे डॉ. शांति भारद्वाज, प्रेमजी प्रेम और धन्ना लाल सुमन के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। डा. मंडेला ने कहा कि सम्मानित साहित्यकारों का सृजन हमारी संभावना जगाता है। वहीं उन्हें अपनी समृद्ध साहित्यिक परम्परा को आगे ले जाने की चुनौती देता है। जिस पर उन्हें खरा उतरना होगा। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को साहित्य में अपने पुरोधाओं से प्रेरणा लेनी चाहिए।
महामंत्री राजेंद्र पंवार ने संचालन किया। पत्रवाचन सहित उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकारों ने अपने विचार व्यक्त किए। रात को कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें कोटा संभाग से आए कवियों ने काव्यपाठ किया।
Moolchand Peshwani