नेपाल साहित्य महोत्सव में डॉ. मधुमुकुल एवं डॉ. इंद्रा चतुर्वेदी हुऐ पशुपति प्रज्ञा सम्मान से सम्मानित

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सवाई माधोपुर 20 जून। अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति का 20 वां तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन नेपाल साहित्य महोत्सव, नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश के अनेक साहित्यकार भाग ले रहे हैं।
अधिवेशन के शुभारम्भ सत्र के मुख्य अतिथि नेपाल के सुप्रसिद्ध साहित्यकार राजेंद्र शलभ रहे, विशिष्ट अतिथि पूर्व मेजर जनरल अनूप कुमार तथा कुवैत की प्रख्यात कवयित्री संगीता चौबे पंखुड़ी रहे तथा अध्यक्षता संस्था के वैश्विक अध्यक्ष प्रख्यात साहित्यकार एवं पत्रकार पंडित सुरेश नीरव ने की। यह तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय अधिवेशन विश्व बंधुत्व के ज्वलंत संदर्भ को समर्पित है।
इस अधिवेशन में पशुपति प्रज्ञा सम्मान के लिए संस्था द्वारा जिन महत्वपूर्ण रचनाकारों का चयन किया गया है उसमें सवाईमाधोपुर राजस्थान से डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी, डॉ. इंद्रा चतुर्वेदी, कुवैत से लोकप्रिय प्रवासी कवयित्री संगीता चौबे पंखुड़ी, काठमांडू नेपाल से प्रतिष्ठित साहित्यकार राजेन्द्र शलभ, नोएडा से लोकप्रिय कवयित्री मधु मिश्रा, काठमांडू नेपाल से लोकप्रिय कवयित्री मोनी बिजय, केरल से पूर्व मेजर जनरल अनूप कुमार, लोकप्रिय गायिका मीरा नायर, कर्नाटक बेंगलुरु से प्रतिष्ठित गीतकार ज्ञान चंद मर्मज्ञ, गिरिजा कुलश्रेष्ठ, शरद सिंह, डॉ. कविता सिंह प्रभा, डॉ. मंजुलता गुप्ता, गुजरात से डॉ राखी सिंह कटियार, श्यामा सिंह, डॉ भागिया खामोश, मुंबई से डॉक्टर दमयन्ती शर्मा, उत्तराखंड देहरादून से सुभाष चंद्र सैनी, सुमन सैनी, सौम्या दुआ, हरियाणा से राजेन्द्र राज निगम, इंदु राज निगम, राजेश प्रभाकर, वीणा अग्रवाल, राजेश रघुवर, रेणु मिश्रा, बिहार से डॉ. रत्नेश्वर सिंह, ऋषि सिन्हा, डॉ. नीलम श्रीवास्तव, ठाकुर ज्वाला प्रसाद, राशदादा, उत्तर प्रदेश से पंडित सुरेश नीरव, मधु मिश्रा, विजय प्रशांत, निशा भार्गव, सतीश भार्गव, उमानाथ त्रिपाठी, गंगा मणि त्रिपाठी, अजय कुलश्रेष्ठ ष्अजेयष्, डॉ. रश्मि कुलश्रेष्ठ, डॉ. ममता वार्ष्णेय, दिल्ली से उमंग सरीन, डॉ. पुष्प लता भट्ट, ब्रह्म देव शर्मा, अंजू क्वात्रा, रंजना मजूमदार तथा सुप्रसन्न मजूमदार के नाम उल्लेखनीय हैं।
अधिवेशन के प्रथम सत्र में सर्वभाषा कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें डॉ. मधु मुकुल चतुर्वेदी ने राजस्थानी, डॉ. राखी सिंह कटियार ने गुजराती, उमंग सरीन ने पंजाबी, रंजना मजूमदार ने बांग्ला, डॉ. दमयन्ती शर्मा ने कुमाऊंनी, सुमन सैनी ने गढ़वाली, सौम्या दुआ ने सारायकी, डॉ. पुष्प लता भट्ट ने कुमाऊंनी, डॉ. रत्नेश्वर सिंह ने भोजपुरी, डॉ. कविता सिंह ष्प्रभाष् ने मैथिली, राजेश प्रभाकर ने हरियाणवी, राशदादा राश ने भोजपुरी, अजय कुलश्रेष्ठ अजेय ने बृज भाषा तथा रश्मि कुलश्रेष्ठ रश्मि ने अवधी भाषा में काव्य पाठ किया। द्वितीय सत्र में साहित्यकारों का अलंकरण समारोह हुआ। तृतीय सत्र में हिंदी कवि सम्मेलन हुआ। अधिवेशन के अंतिम दिन काठमांडू के दर्शनीय स्थलों के शैक्षिक भ्रमण के साथ अधिवेशन संपन्न होगा।


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