दुबई अंतरराष्ट्रीय मंच पर डॉक्टर सुनीता मीणा नें किया मत्स्यांचल का नाम रोशन


गंगापुर सिटी। पंकज शर्मा। अबूधाबी यूनिवर्सिटी दुबई और साहित्य संचय शोध फ़ाउंडेन दिल्ली भारत के संयुक्त तत्वाधान में विश्व हिंदी दिवस के शुभ अवसर पर अंतरराष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन का आयोजन10 से 11 जनवरी 2025 को “भारत एवं यूएई के सांस्कृतिक संबंध व संवर्धित साहित्य में मूल भाषाओं का योगदान” विषय पर अबू धाबी कैंपस दुबई में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन सम्पन्न हुआ ।इस भव्य आयोजन में करौली ज़िले के भोपर बहादुरपुर गाँव की किसान पुत्री व वर्तमान में बाबू शोभाराम राजकीय कला महाविद्यालय अलवर में राजनीति विज्ञान की प्रोफ़ेसर एवं स्काउट गाइड रेंजर कमिश्नर डॉक्टर सुनीता मीना ने “आज़ादी से पूर्व परिदृश्य में हिंदी की राष्ट्रव्यापी व्यापी स्थिति “विषय पर अपना शोध पत्र वाचन प्रस्तुत किया।
इस शुभ अवसर पर डॉक्टर सुनीता मीणा को अबू धाबी विश्वविद्यालय के निदेशक व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर अनश नाजदवानी में सम्मान पत्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
दुबई में आयोजित इस अनूठे हिंदी सम्मेलन में देश और विदेश के सैकड़ों ख्यातिप्राप्त शिक्षाविद व साहित्यकारों ने भाग लिया जिसमें राजस्थान से डॉक्टर सुनीता मीणा को संगोष्ठी में पत्र वाचन व मंच संचालन हेतु आमंत्रित किया गया था।डॉक्टर सुनीता मीणा ने अपने पत्र वाचन के साथ साथ मंच संचालन किया तथा उन्होंने मरूधरा का नाम रोशन करते हुए भारत एवं दुबई के सांस्कृतिक संबंध व वर्तमान परिवर्धित परिवेश में भाषाओं के योगदान के विषय का विस्तृत विश्लेषण किया है
सात दिवसीय इस अकादमिक व शैक्षणिक भ्रमण के दौरान डॉक्टर सुनीता मीणा ने अबूधाबी व दुबई में भ्रमण कर वहाँ की साहित्यिक व सांस्कृतिक एवं धार्मिक पृष्ठभूमि व भारतीय संस्कृति के प्रभाव तथा हिन्दी भाषी लोगों की मूल भावना की गवेषणा की।दुबई में स्थित स्वामी नारायण मंदिर, सर्व धर्म महासभा स्थल तथा श्री राम कृष्ण और शिव जी के मंदिरों की अविरल छटा का भी अवलोकन किया
डॉक्टर सुनीता मीणा ने वहाँ पाया कि दुबई में सभी भाषाओं का तथा विश्व की समस्त संस्कृतियों का सम्मिश्रण है तथा वहाँ भारतीयों को पृथक शिक्षार्जन करने की सुविधा है ।ग्लोबल ब्लेज़ में भारतीय स्थापत्य कला के साथ साथ विश्व की प्रमुख की स्थापत्य कलाओं को समान भाव से आदर प्राप्त है ।दुबई यूनिवर्सल स्थापत्य कला तथा समस्त संस्कृतियों का जीता जागता उदाहरण है ।वहाँ बुर्ज ख़लीफ़ा दुबई , मिरेकल गार्डन, दुबईफाउंटेन की छटा देखते ही बनती है।
इससे पूर्व प्रोफ़ेसर सुनीता मीणा भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार व संवर्धन के लिए अंतरराष्ट्रीय मंच बाली ,इंडोनेशिया वियतनाम व मलेशिया आदि देशों में पत्र वाचन कर देश व प्रदेश का विदेशों में नाम रोशन कर चुकी है देश विदेश में डॉक्टर सुनीता मीणा अंतरराष्ट्रीय सेमिनारों में 40 से अधिक शोध पत्रों का वाचन कर चुकी है तथा विभिन्न राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मंचों पर स्काउट गाइड रेंजर कमिश्नर के पद पर कार्यरत करते हुएभी देश विदेश में मत्स्यांचल राजस्थान का नाम रोशन कर चुकी हैं। डॉक्टर सुनीता मीणा को भारतदेश के साहित्यिक व सांस्कृतिक विकास में योगदान के मद्देनज़र तीसरी बार विदेशों में हिंदी भाषा के महत्व को दर्शाने का अवसर मिला है ।इस उपलब्धि के लिए उन्हें राजस्थान के बुद्धिजीवियों एवं समाज के लब्ध प्रतिष्ठित बुद्धिजीवियों एवं समाजसेवियों ने बधाई प्रस्तुत की है।

यह भी पढ़ें :  एनएसएस स्थापना दिवस मनाया

 


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now