ठेकेदार व जेई की जुगलबंदी से गुणवत्ता विहीन कराया जा रहा पुलिया का निर्माण लोगों में आक्रोश
खबरें प्रकाशित होने के बाद भी कुंभकरणी निद्रा से नहीं जगा संबंधित विभाग
प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर शिवराजपुर से शंकरगढ़ नारीबारी रोड पर सावित्री हॉस्पिटल के पास हो रहे पुलिया के निर्माण में ठेकेदार द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है। निर्माण कार्य निर्धारण मापदंड के तहत नहीं कराया जा रहा है जिससे क्षेत्रवासियों में रोष है। ग्रामीण बताते हैं कि यहां पुलिया के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखा गया है कार्य के आरंभ से ही यही स्थिति है। काम की स्थिति को देखने अभी तक संबंधित विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं आए और ना क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने इस ओर ध्यान दिया इसी बात का फायदा उठाकर ठेकेदार द्वारा पुलिया के निर्माण में मनमानी की जा रही है। घटिया किस्म की सामग्री सीमेंट और गिट्टी का जो माप होना चाहिए वह भी नहीं है और डस्ट मिली रेत व जंग खाई हुई सडी गली सरिया का उपयोग कर निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। ग्रामीणों की मानें तो जब पुलिया में लेंटर ढाला जाना था तब रात के अंधेरे में सरिया का जाल बांधा गया था ठेकेदार के कर्मचारियों का कहना था कि बरसात आने से पहले काम खत्म करना है इसलिए रात में काम करवा रहे हैं। गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिए जाने से क्षेत्रवासी एक स्वर में अपनी आवाज बुलंद करते हुए जिला प्रशासन से मांग की है कि इस पुलिया के ऊपर से अधिक भार लेकर बड़े वाहनों का आवागमन दिन रात बना रहता है जिसे देखते हुए उक्त पुलिया का मजबूती से निर्माण कार्य करवाया जाए जिससे किसी प्रकार की अप्रिय घटना ना घटित हो। बता दें कि गुणवत्ता विहीन पुलिया का निर्माण होने से क्षेत्रवासियों में चिंता व भय व्याप्त है कि जब नदी के पानी का बहाव तेज होगा पुलिया को पानी की मार लगेगी तो पुलिया कमजोर होने से ढह सकती है। पर जेई और ठेकेदार की जुगलबंदी से सरकारी धन को चूना लगाया जा रहा है। मजे की बात तो यह है कि वहां पर जो डिजाइन बोर्ड लगाया जाना चाहिए वह भी वहां पर नहीं लगाया गया और ना ही ड्राइंग जिससे लोगों को और वहां कार्य कर रहे मजदूरों को मालूम हो सके। जो मजदूर कार्य कर रहे हैं उनको ठेकेदार द्वारा किसी प्रकार की सेफ्टी मुहैया नहीं कराई गई है वैकल्पिक रास्ते के अंदर से नदी का पानी बह रहा है और बन रही पुलिया पर जमा हो रहा है ऐसे में भी पुलिया का निर्माण कार्य जारी है जो मसाला लगने के बाद ही बहना शुरू हो जाता है। कार्य प्रगति पर है भारी वाहन वर्जित है बावजूद उसके लोग जान जोखिम में डालकर इस पार से उस पार हो रहे हैं किस वक्त भारी वाहन नदी में समा जाए किसी को मालूम नहीं। ऐसे में ग्रामीणों का कहना है कि जब तक कोई बड़ा हादसा नहीं होगा तब तक शासन व प्रशासन की कुंभकरणी निद्रा भंग नहीं होगी।