जेके सीमेंट फैक्ट्री से उड़ने वाली धूल जनजीवन को कर रही प्रभावित


जेके सीमेंट फैक्ट्री के बढ़ते वायु प्रदूषण से ग्रामीण हो रहे लामबंद

जेके सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ सेहत और सुरक्षा को लेकर कर रहे आंदोलन की तैयारी

प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर शंकरगढ़ क्षेत्र में स्थित जेके सीमेंट की फैक्ट्री स्थानीय लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुकी है। इस फैक्ट्री से उड़ने वाली सीमेंट स्थानीय लोगों के साथ खेती की सेहत से भी खिलवाड़ कर रही है। स्थानीय लोगों को काफी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ रहा है। यही नहीं उनके स्वास्थ्य से भी खिलवाड़ किया जा रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक क्षेत्र के दर्जनों गांव में इस सीमेंट फैक्ट्री से फसल भी प्रभावित हो रही है। फसल की पैदावार भी कम होती है और फसल कटाई के समय फसल काटने में बहुत परेशानी होती है। कटाई के समय पौधों को डंडे से हिला हिला कर धूल हटाई जाती है।सीमेंट के कण जो फसल पर जमा हो जाते हैं जो काटते वक्त उनसे हाथों में घाव हो जाते हैं। हाथों में खून निकलने लगते हैं उसके बाद उन हाथों में इंफेक्शन हो जाता है। आंखों में जलन होने लगती है इसके उपचार के लिए उन्हें हजारों की रकम चुकानी पड़ती है। स्थानीय लोगों का यह भी कहना है कि अब तो कंपनी से निकलने वाली सीमेंट भारी वाहनों से ओवरलोड कर धूल उड़ाते हुए तेज रफ्तार गांव की सड़कों से रेलवे यार्ड में लोड करने के लिए ले जाया जाता है। मकान की छतों पर खूब सीमेंट की परत जम जाती है। विदित रहे की सीमेंट में जो केमिकल मिलाया जाता है वह जहरीला होता है। जिसका असर मानव एवं पशु के स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव डालता है। वही ग्रामीणों का आरोप यह भी है कि फैक्ट्री के अधिकारियों से जब बात की जाती है तो कुछ भी कहने से मना कर देते हैं उल्टा मामले में फसाने की धमकी दी जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि सीमेंट फैक्ट्री के कारण उनकी सेहत और सुरक्षा खतरे में है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि फैक्ट्री से सीमेंट लदी गांव के बीच से ना निकले और पानी का छिड़काव कराकर प्रदूषण से मुक्ति दिलाए। ग्रामीणों ने मीडिया के माध्यम से जेके सीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन के लिए मजबूर होंगे जिसकी सारी जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।


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