प्रयागराज। इलाहाबाद 52 संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार नीरज त्रिपाठी, कांग्रेस से उज्ज्वल रमण सिंह एवं बसपा से रमेश पटेल के भाग्य का फैसला रोचक हो चला है त्रिकोणीय समीकरण बनते नजर आ रहे हैं।उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद लोकसभा सीट पर भाजपा, कांग्रेस और बसपा के बीच जबरदस्त मुकाबला होने के आसार है। वैसे तो मुख्य मुकाबला भाजपा और इंडिया गठबंधन से देखा जा रहा है ।खैर यह चुनाव है कौन किस पर भारी पड़ेगा यह अभी कहना मुश्किल है। मगर इस बार का इलाहाबाद 52 संसदीय क्षेत्र का चुनाव काफी रोमांचक और निर्णायक होने जा रहा है।लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा इलाहबाद 52 लोकसभा सीट के तहत पांच विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें जिले की , मेजा ,करछना, सोरांव,बारा और इलाहाबाद दक्षिणी शामिल हैं। इलाहाबाद सीट पर साल 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव पर नज़र डालें तो इस सीट पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। भाजपा के रीता बहुगुणा जोशी ने समाजवादी पार्टी के राजेंद्र पटेल को लाख से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। रीता जोशी को कुल 4 लाख 94हजार 454 वोट मिले थे, जबकि राजेंद्र पटेल को को 3 लाख 10 हजार 179 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के योगेंद्र शुक्ला रहे थे। योगेंद्र शुक्ला को केवल 31 हजार 953 वोट पड़े थे।चुनावी जंग में इस बार इलाहाबाद सीट पर कांग्रेस ने पूर्व सांसद रेवती रमण सिंह के पुत्र उज्ज्वल रमण सिंह पर भरोसा जताया है। जबकि सत्तारूढ़ भाजपा ने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष केसरी नाथ त्रिपाठी के पुत्र नीरज त्रिपाठी को अपना प्रत्याशी इलाहाबाद सीट से बनाया है। वहीं बसपा ने प्रत्याशी रमेश पटेल को उतारा है। ऐसे में यहां पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की उम्मीद है। इस बार मजबूत चेहरों के मैदान में नहीं आने से इलाहाबाद सीट पर चुनावी लड़ाई में कुछ भी उलटफेर हो सकता है। खैर भाजपा और इंडिया गठबंधन में जबरदस्त टक्कर देखने को मिलता नजर आ रहा है। अब आने वाला वक्त बताएगा की कौन प्रत्याशी किस पर भारी है किसके सिर पर बंधेगा जीत का सेहरा और किसे खानी पड़ेगी मुंहकी मगर यह तो तय है की उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला अबकी बार रोचक होगा।