चौथ का बरवाड़ा 20 मार्च। सामाजिक संस्था म्हारों बरवाड़ो फाउंडेशन से जुड़े पर्यावरण के पर्यावरण प्रेमियों ने पिछले 4 वर्षों से घरेलू चिड़ियाँ (गोरैया) को बचाने के लिए विशेष मुहिम शुरू की है। इसमें बड़ी संख्या में लोगों को जोड़ा जा रहा है। विश्व गौरैया दिवस के अवसर पर विभिन्न स्थानों पर लकड़ी के बने पंछी घर लगा रहे हैं ताकि विलुप्त हो रही चिड़िया की प्रजाति को फिर से बचाया जा सके। अब तक 30 घोंसले रखे जा चुके हैं।
मिशन आ चिड़ी के तहत विश्व गौरया दिवस के अवसर पर एक कार्य शाला का आयोजन महाराजा हम्मीर महाविद्यालय में किया गया। कार्यशाला मे की पर्यावरण प्रेमी और म्हारों बरवाड़ो फाउंडेशन के समन्वयक अनेन्द्र सिंह आमेरा ने बताया की देसी चिड़िया गौरैया, जो कि आज से 15 साल पहले तक हमारे घरों में दिखाई देती थी, वह विलुप्त हो गई है। इसे बचाने के लिए ही इस मुहिम को शुरू किया गया है। इस अवसर पर महाविद्यालय चेयरमेन सुरेन्द्र सिंह राजावत, प्राचार्य महेंद्र सिंह, म्हारों बरवाड़ो फाउंडेशन से जुड़े युवा अनेन्द्र सिंह आमेरा, शकील मंसूरी, विकास धाभाई, अक्षय गुर्जर सहित अन्य मौजूद रहे द्य युवाओं द्वारा महाविद्यालय परिसर के अतिरिक्त थाना परिसर चैथ का बरवाड़ा मे भी कृत्रिम घोंसले लगाए।