हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा के वार्षिकोत्सव में हुई धर्म ध्वजा की स्थापना
चित की वृति को जोड़ना ही सतगुरु का कार्य :- महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन
भीलवाड़ा|हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में चल रहे आराध्य सतगुरूओं के वार्षिकोत्सव के दूसरे दिन वैदिक मंत्रोचार एवं गाजे बाजे के साथ धर्म ध्वजा की स्थापना हुई। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने सनातन धर्म जो झंडो झूले भजन प्रस्तुत कर विश्व में सनातन धर्म की विजय पताका फहराने का आहवान किया। धर्म ध्वजा के महत्व को बताते हुए कहा कि धर्मध्वजा के शीर्ष पर श्री हनुमान जी का चित्र होता है जो सदैव उस स्थान की बुरी शक्तियां से सुरक्षा करते हैं। उन्होने बाबा हरिराम बाबा शेवाराम बाबा गंगाराम तू ही सहाय दासन खे अची दर्शन कराए भजन प्रस्तुत किया एवं सत्संग की श्रंखला में कहा कि वर्तमान में भजन कीर्तन को एक व्यवसाय बना दिया गया है, जबकि वास्तव में सत्संग में मनुष्य के चित की वृति को जोड़ना ही सतगुरु का कार्य है। उन्होंने मातृशक्ति से आहवान किया कि वे अपने संतान को संस्कारों से जोड़े एवं सभी धर्मस्थल पर मर्यादित वस्त्रों एवं आचरण का पालन करें। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन के सानिध्य में संत मयाराम, संत राजाराम ,संत गोविंदराम, ब्रहमचारी संत इंद्रदेव, सिद्धार्थ, कुणाल, मिहिर सहित उपस्थित ट्रस्टीगण पदाधिकारीयो, अनुयायियों ने अपने गुरुजनों की स्तुति एवं ध्यान किया। इसके अतिरिक्त श्री ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम अजमेर के महंत स्वरूपदास उदासीन, राजकोट के स्वामी अमरलाल, इन्दौर के स्वामी मोहनदास संत संतदास चंदन, अजमेर के संत अर्जुन दास आदि ने भी भजन प्रस्तुत किए। साथ ही आज श्री जगन्नाथ रथयात्रा हरीशेवा आश्रम में पहुँची, जहाँ प्रभु का स्वागत सत्कार कर विराजमान किया गया। अब भगवान जगन्नाथ हरी शयनी एकादशी पर पुनः निजधाम पधारेगें।
प्रात:काल वैदिक विधि से मंडल पूजन, रुद्राभिषेक, आध्यात्मिक अनुष्ठान तत्पश्चात हवन यज्ञ हुआ, जिसमें संतों सहित यजमानों एवं अनुयायियों ने आहूतियां दी। आज संतो महापुरूषो द्वारा श्री रामायण पाठ का भोग की रस्म पूर्ण की गई। साथ ही अखंड श्रीचन्द्र सिद्धांत सागर पाठ भी आरंभ हुआ। सायँकाल में संतो महापुरुषों के सत्संग प्रवचन, श्री हनुमान चालीसा, श्री श्रीचंद्र चालीसा, श्री हरि चालीसा पाठ आरती प्रार्थना हुई। सतगुरुओं की समाधियों, धर्मध्वजा, श्री हरि सिद्धेश्वर मंदिर, धुणा साहब, आसण साहब पर श्रद्धालुओं ने शीश झुका कर राष्ट्र कल्याण की प्रार्थना की।
Moolchand Peswani