जिला कलेक्टर कार्यालय के सम्मुख पूर्व सैनिकों का आंशिक अनशन, व एक दिन की भूख हड़ताल पर 

Support us By Sharing

जिला कलेक्टर कार्यालय के सम्मुख पूर्व सैनिकों का आंशिक अनशन, व एक दिन की भूख हड़ताल पर

सावर |कालूराम माली दिनांक 2 जुलाई 2023 को अजमेर जिला कलेक्टर कार्यालय के सम्मुख पूर्व सैनिकों का आंशिक अनशन, व एक दिन की भूख हड़ताल कर “सम्मान पद समान वेतन” की विसंगतियों के बारे विरोध प्रदर्शन किया गया उक्त कार्यक्रम में उपखंड सावर, केकड़ी , किशनगढ़ डेगाना, अजमेर इत्यादि सभी क्षेत्रों के पूर्व सैनिकों ने भाग लिया पूर्व सैनिक के अनशन को तुड़वाने के लिए कांग्रेस के पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता अनशन स्थल पर पहुंचे ।पूर्व सैनिक कालूराम माली ने राज्य सरकार के द्वारा पूर्व सैनिकों व उनके परिवार के साथ किया जा रहा भेदभाव के बारे में विस्तृत चर्चा की जिसमें पूर्व सैनिकों को खाद्य सुरक्षा पर जोड़कर, चिकित्सा सुविधा से लाभान्वित किया जाए। साथ ही केकड़ी जिला को चारों ओर से टोल प्लाजा के द्वारा केद किया हुआ है पूर्व सैनिकों को रियाओयत दी जाए । क्योंकि केकड़ी के चारों और टोल प्लाजा बने हुए हैं और सभी सैनिक साथी चिकित्सा सुविधा के लिए, कैंटीन सुविधा के लिए, सैनिक विश्राम गृह, और सैनिक कल्याण केंद्र में इत्यादि अनेक चीजों के लिए सैनिकों व परिवारों को अजमेर के लिए आना जाना रहता है आम आदमी भी अगर चिकित्सा सुविधा के लिए आवागमन करता है तो उन्हें टोल में छूट दी जाती है जबकि सैनिकों के लिए अभद्र व्यवहार कर जबरन टोल वसूली कर ली जाती है जोकि नहीं होनी चाहिए। इसी तरह सैनिक का सेवा करना एक प्रकार से राष्ट्र का गौरव बढ़ाना होता है। सैनिक नौकरी करता है जब सैनिक अपने जीवन के महत्वपूर्ण समय को अपने परिवार से, बाल बच्चों से दूर रहकर कठिन परिस्थितियों में अपनी जान जोखिम में डालकर समय आने पर राष्ट्र के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देकर अपने जीवन की आहुति देकर दुनिया विदा हो जाता है हमारे सरकारों को इस पर विशेष संज्ञान लेना चाहिए बार-बार सैनिकों के साथ भेदभाव किया जाता है सैनिकों को शौचालय योजना, गृह निर्माण, खाद्य सुरक्षा, ऋण माफी, दिव्यांग प्रमाणपत्र, इत्यादि सभी राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं दिया जाता जबकि राष्ट्र के रक्षकों को पहली प्राथमिकता होनी चाहिए है हमारे सैनिक साथी विकेट परिस्थितियों में सेवा के दौरान सैनिक गतिविधियों में भाग लेते हुए अपने शारीरिक विकलांग हो जाता है शारीरिक विकलांगता के कारण कई सैनिकों को तो समय से पहले ही सेवानिवृत्त होना पड़ता है अतः सरकारें ऐसे सैनिक जो शारीरिक विकलांगता के कारण सेवा निर्मित हुए हैं उन सभी सैनिकों को उनकी सेवानिवृत्त पुस्तिका के आधार पर चिकित्सा प्रमाण पत्र दिया जाए जिससे वह अपने जीवन में आने वाली अनेक सुविधाओं का लाभ ले सके। पूर्व सैनिकों को यह कहकर दिव्यांग प्रमाण पत्र से वंचित कर दिया जाता है कि आपको पेंशन मिल रही है इस पर सैनिकों ने बताया कि जवान विकलांग प्रमाण पत्र पेंशन के लिए नहीं बनवाते हैं उनका प्रमाणपत्र उनके जीवन में , बस के सफर में, रेलवे में आवागमन के लिए व ऐसी सुविधाएं हैं जो उसको जीवन में आने वाली घटनाओं से उस सैनिक को राहत प्रदान कर सकती है इसलिए दिव्यांग प्रमाण पत्र पूर्व सैनिकों को भी उपलब्ध करवाना चाहिए ऐसी अनेकानेक योजनाओं से सैनिक और उसके परिवारों को वंचित रखना, एक प्रकार से अन्याय है आज जिला कलेक्टर कार्यालय के सम्मुख भूख हड़ताल व विरोध प्रदर्शन के मंच से वर्तमान सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे महेंद्र सिंह जी रलावता को इस उपेक्षा के बारे में विस्तार से चर्चा कर बताया गया आदरणीय रलावता जी ने भी आश्वस्त किया कि जवानों की मांगे जायज है और राज्य सरकार को इन्हें स्वीकार करना चाहिए।
महेंद्र सिंह रलावता ने आश्वस्त किया कि मैं सैनिकों की समस्याओं को राज्य सरकार के पटल पर पुरजोर तरीके से प्रेषित करूंगा


Support us By Sharing

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!