बाजरा की कटाई की तैयारी में जुटे किसान व मजदूर
नदबई|उपखण्ड नदबई सहित अन्य उपखण्ड क्षेत्र में इस बार अच्छी बरसात होने से बाजरा की बम्फर पैदावार होने की उम्मीद है। जिसको देख किसान के चेहरे पर खिलावट है और ये बाजरा की पकती बालियों को देख बाजरा कटाई की तैयारी में जुटे नजर आते है। साथ ही मजदूर भी प्रसन्न नजर आ रहे है। क्योकि उन्हे अब मजदूरी की आस जाग गई। गांव हन्तरा निवासी गूड्डू सिंह ने बताया कि कई साल से बाजरा की पैदावार कम हो रही थी,जिसका कारण कम बरसात का होना था। इस साल अच्छी बरसात हुई और हो रही है। जिससे बाजरा सहित अन्य फसल लहरा रही है और बम्फर पैदावार होने की उम्मीद कायम है। गत साल एक वीद्या भूमि पर 6 से 8 मन बाजरा हुआ,इस बार 10 से 12 मन बाजरा की उम्मीद है। गांव अरोदा निवासी अजय सिंह मास्टर ने बताया कि खेतों में बाजरा की फसल पकने लगी है। कई स्थान पर ये फसल पक गई। बाजरा की बालियों को पकती देख किसान उसकी कटाई-कुटाई आदि की तैयारी में जुट गए। कुछ खेतों में इसी सप्ताह के अन्तिम दिन तक बाजरा की कटाई षुरू हो जाऐगी। जिसको किसान मजदूर तलाषने लगे है। गांव पीली निवासी सतीष कुमार एव भोसींगा निवासी बहादुर सिंह जाट ने बताया कि गांव झारकई,न्यौंठा,पीली,हन्तरा,अरोदा,खांगरी,नूरपूर,डहरा,गादोली,अटारी आदि गांवों में बाजरा की अच्छी फसल है और किसान व मजदूर बाजरा कटाई की तैयारी में जुट गए।
– अब मिलेगी मजदूरी
बाजरा की पकती बालियां और किसानों को कटाई की तैयारी में जुटा देख मजदूर प्रसन्न नजर आने लगे है। मजदूरों को अब मजदूरी की आस जाग गई। साथ ही टेक्टर मालिक भी प्रसन्न है। जो टेक्टर,थ्रेसर,कुट्टा,दरात आदि को दुरस्त कराने लगे है। गांव न्यौंठा निवासी राजकुमारी व विमलादेवी ने बताया कि बाजरा की जल्द ही कटाई प्रारम्भ होगी,जिसको देख मजदूर दरात क्रय कर रहे है और पुराने दरातों को संभाल रहे है। कटाई की ऐवज में प्रतिदिन पांच घन्टे काम करने पर 200 रू से 300 रू मजदूरी मिल जाऐगी। साथ में एक समय का अल्पहार व एक चाय भी तय की जाऐगी और घर से खेत तक आने-जाने को यातायात की सुविधाएं।
– समूह बना कर रही कार्य
गांव नगला हन्तरा निवासी पुष्पादेवी व सन्तरा ने बताया कि बाजरा कटाई का समय निकट आता देख महिलाए समूह बना कर कार्य करने की तैयारी में लग गई। गत साल एक वीद्या कटाई व कुटाई का ठेका लेकर उसकी ऐवज में 2 से 3 हजार रू मजदूरी ली। इस साल ठेका लेगें और मजदूरी भी बढाई जाऐगी। एक समूह में 3 से 4 महिलाए होती है। काम पूरा करने के बाद पैसा को बराबर में बांट लिया जाता है। प्रतिसाल एक महिला को 20 से 25 हजार रू प्राप्त हो जाते है।