शाहपुरा के प्रतिष्ठित व्यवसायी गुलाबचंद शारदा का शनिवार को निधन हो गया। निधन के बाद उनके परिवार ने उनकी दोनों आंखों का नेत्रदान कर दो जरूरतमंद लोगों को नेत्र ज्योति प्रदान की। यह प्रेरणादायक कार्य भारत विकास परिषद (भाविप) की प्रेरणा से संभव हुआ। नेत्रदान की प्रक्रिया रामस्नेही आई बैंक, भीलवाड़ा के सहयोग से पूरी की गई।
नेत्रदान की प्रक्रिया और परिवार की सहमति–
भारत विकास परिषद के प्रांतीय संस्कार प्रमुख पवन बांगड़ ने बताया कि गुलाबचंद शारदा के निधन की सूचना मिलने पर वह परिषद के अन्य सदस्यों के साथ शारदा के घर पहुंचे। वहां राहुल काबरा और चांदमल जागेटिया के प्रयासों से परिवार को नेत्रदान के लिए सहमत किया गया। मृतक के पुत्र कुलदीप शारदा ने कहा, ष्नेत्रदान हमारे परिवार के लिए सौभाग्य की बात है।ष्
रामस्नेही आई बैंक की टीम ने निभाई महत्वपूर्ण भूमिका—
रामस्नेही आई बैंक, भीलवाड़ा की टीम, जिसका नेतृत्व शांतनु महावर ने किया, शाहपुरा पहुंची और नेत्रदान की प्रक्रिया को संपन्न किया। इसके बाद आई बैंक की ओर से कुलदीप शारदा को उनके पिता के नेत्रदान के लिए प्रमाण पत्र भेंट किया गया।
जागरूकता अभियान का परिणाम–
पवन बांगड़ ने कहा कि शाहपुरा में नेत्रदान को लेकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान के सकारात्मक परिणाम मिलने लगे हैं। उन्होंने इसे समाज सेवा का एक अनुकरणीय उदाहरण बताते हुए कहा कि गुलाबचंद शारदा के परिवार ने यह कदम उठाकर समाज के लिए प्रेरणा का काम किया है।
नेत्रदान से मिली नई जिंदगी—
नेत्रदान के माध्यम से दो लोगों को रोशनी मिली है, जो गुलाबचंद शारदा की स्मृति को जीवंत बनाए रखेगा। यह कार्य न केवल दिवंगत आत्मा के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है, बल्कि नेत्रदान के प्रति समाज में बढ़ती जागरूकता का प्रमाण भी है।
भाविप की अपील—
पवन बांगड़ ने इस अवसर पर समाज के अन्य लोगों से भी नेत्रदान के प्रति जागरूक होने और इसे अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि एक छोटे से प्रयास से हम दूसरों की जिंदगी में रोशनी ला सकते हैं और नेत्रदान के महत्व को समाज में और अधिक फैलाना चाहिए।
सामाजिक सेवा का अनुकरणीय उदाहरण—
गुलाबचंद शारदा के नेत्रदान ने शाहपुरा में एक बार फिर यह साबित कर दिया कि समाज सेवा और मानवता का काम किसी के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। शाहपुरा के नागरिकों ने शारदा परिवार के इस कार्य की सराहना की है और इसे एक प्रेरक कदम बताया।