बयाना क्षेत्र में फैल रही आई फ्लू बीमारी, फार्मासिस्ट संघ ने की नेत्र चिकित्सक लगाने की मांग

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बयाना क्षेत्र में फैल रही आई फ्लू बीमारी, फार्मासिस्ट संघ ने की नेत्र चिकित्सक लगाने की मांग

बयाना 22 जुलाई । वातावरण में नमी बढ़ने के साथ ही अब आंखों में संक्रामक रोग भी फैलने लगे हैं। इन दिनों आंखों में फैल रहे रोग थोड़ी सी लापरवाही से खतरनाक हो सकते है और आंखों की रोशनी जा सकती है। इन दिनों आंखों में फैलने वाली बीमारी को आम बोलचाल की भाषा में आंख आना या आंख दुखना कहते हैं। राजकीय रेफरल अस्पताल बयाना के नेत्र सहायक जितेंद्र जैन ने बताया कि इन दिनों आंखों में कंजेक्टिवाइटिस की समस्या देखने को मिल रही है जिसकी चपेट में सबसे ज्यादा 2 वर्ष से 14 वर्ष तक के बच्चे व महिलाएं आ रही हैं। जिनके आरंभ में आंखें लाल होने खुजली या चुभन या जलन होने, आंखों से ढीड़ या लगातार पानी आने दर्द होने जैसी शिकायतें होती हैं। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से उपचार लेना चाहिए। थोड़ी सी लापरवाही खतरनाक हो सकती है। और यह बीमारी होने पर मरीज को 5 से 7 दिन तक उपचार लेने व सबसे अलग रहने और अपने उपयोग में रोज धुले कपड़े ,रुमाल, तौलिया,चादर आदि उपयोग करना चाहिए। जैन ने बताया की इन दिनों आंखों में फैल रही बीमारी के चलते अस्पताल में भी नेत्र रोगियों की भीड़ बढ़ने लगी है। उन्होंने इससे बचने के लिए साफ सफाई के अलावा रंगीन चश्मों का उपयोग भी करने की सलाह दी है।
नेत्र रोग चिकित्सक नियुक्त करने की मांग– बयाना में इन दिनों फैल रहे नेत्र रोग संक्रमण को देखते हुए बयाना में काफी समय से रिक्त पड़े नेत्र रोग चिकित्सक के पद पर नियुक्ति की भी मांग नागरिकों की ओर से की जा रही है। लोगों की माने तो बयाना के अस्पताल में पूर्व में तैनात नेत्र चिकित्सक अधिक धन कमाने की लालसा में बयाना से अपना ट्रांसफर करवा कर भरतपुर चले गए हैं। उच्चाधिकारियों की मिलीभगत से उनका ट्रांसफर भी नियमों के विपरीत हुआ बताया। किंतु कहते हैं कि नेता मेहरबान तो गधा पहलवान।
इधर प्रशिक्षित फार्मासिस्ट छात्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष नवीन तिवारी ने भी बयाना के राजकीय रेफरल अस्पताल में नेत्र चिकित्सक सहित कई चिकित्सकों के पद रिक्त होने की जानकारी देते हुए राज्य सरकार को लिखे पत्र में बयाना के अस्पताल में नेत्र चिकित्सक, महिला चिकित्सक ,चर्म रोग चिकित्सक व वरिष्ठ फिजीशियन आदि रिक्त पदों पर शीघ्र नियुक्ति कराए जाने की मांग की है और बताया है कि चिकित्सकों के पद रिक्त होने से अब हार्ट ,बीपी ,नेत्र रोग चर्म रोग महिला रोग ,उदर रोग आदि संबंधित मरीजों को चिकित्सकीय उपचार के लिए जयपुर या भरतपुर जाना पड़ता है।


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