काल भैरव बाबा का मेला आज
वैर/भुसावर मार्ग के मध्य गांव नरहपुर स्थित प्राचीन श्री काल भैरव मन्दिर आस्था से भरपूर है और प्रेम,भाईचारा,एकता व अखण्डता प्रेतीक है। यहां सभी धर्म व समाज के लोग आते है और मनोकामनाए पूर्ण होने पर लगने वाले विशाल काल भैरव बाबा मेला में परिवार सहित शामिल होकर जात देते है तथा विश्वशान्ति,परिवार कल्याण,दुधारू व पालतू पशुओं सहित अच्छी पैदावार की कामनाए करते है। यहां काल भैरव बाबा मन्दिर के गोठिया जगदेव सिंह के सानिध्यं मे ंसाल में दो बार विशाल तथा प्रति माह लद्यु मेला भरते है। मेले में राजस्थान, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गुजरात,बिहार,पश्चिम बंगाल आदि राज्यों से श्रद्वालु भाग लेते है। जिसमें भरतपुर,दौसा,करौली,ग्वालियर,मुरैना,आगरा,गंगापुर,अलवर, मथुरा,डीग आदि जिले के श्रद्वालुओं की सख्यां सर्वाधिक रहती है।
– काल भैरव की किदवन्ती
गोठिया जगदेव सिंह एवं गांव के लोग बताते है कि गांव से कुछ दूरी पर विशाल जंगल था,जिसमें हिसंक व अहिसंक जानवरों का वास था। जिनके डर से कोई इंसान उधर नही जाता। साल 1705 में गांव के कुछ ग्वाला उस जंगल की ओर मवेशियों को लेकर चले गए। जहां एक गाय टीले पर खडी हो गई और उसके थनों से दूध की धारा निकलने लगी। जिसको देख सभी ग्वाला आश्चर्य करने लगे। जिस भनक गांव में फैल गई और गांव के लोग दुबारा उस गांव को लेकर उसी स्थान पर गए। तो गाय टीले के पास पहंुची और उसके थनों से दूध की धारा निकलने लगी। तभी ग्रामीणों को शेर की आवाज सुनाई दी,वे डर के मारे वहां से भाग आए। दूर से देखा की गाय और शेर एक साथ पानी पी रहे है। शेर के चले जाने बाद ग्रामीणों ने टीले की खुदाई की,उसमें काल भैरव बाबा की प्रतिमा निकली। जिसकी सूचना भरतपुर रियासत के संस्थापक महाराजा सूरजमल को लगी। तब वे अपनी ससुराल व गांव सलेमपुर कलां से लौट रहे थे,तो महाराजा सूरजमल और महारानी हंसिया सहित गांव नरहपुर आए और काल भैरव के दर्शन किए। गोठिया जगदेव सिंह ने बताया कि गांव के लोगों ने काल भैरव बाबा की प्रतिमा स्थापित करा दी। आज काल भैरव बाबा के सेवकों के सहयोग से मन्दिर,धर्मशाला आदि का निर्माण हो गया और ये निर्माण कार्य जारी है।
– मेला का कार्यक्रम
श्री जय काल भैरव मन्दिर के गोठिया जगदेव सिंह ने बताया कि गांव नहरपुर के प्राचीन काल भैरव बाबा मन्दिर पर 10 सितम्बर मंगलवार को 385 वां एक दिवसीय विशाल काल भैरव बाबा मेला लगेगा और इसी दिन काल भैरव बाबा की मुख्य पूजा-अर्चना एवं दरबार लगेगा। उन्होने बताया कि सुबह 8ः15 बजे मेला का ध्वजारोहण,9ः15 बजे हवन,10ः15 से देर सायं तक काल भैरव की पूजा-अर्चना व भण्डारा,गोट गायन,काल भैरव बाबा की जात सहित खेलकूद प्रतियोगिताए होगी। खेलकूद में गोला फैंक,लम्बीकूद,नाल उठाई,पुरूष दौड आदि धार्मिक कार्यक्रम होंगे।