बारा तहसील मुख्यालय पर किसानों-मजदूरों ने डाला डेरा; न्याय नहीं मिलने तक जारी रहेगा धरना

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टंडन वन को भू माफियाओं से मुक्त कराने के लिये भारतीय किसान यूनियन (भानु) का अनिश्चित कालीन धरना शुरू

बारा तहसील मुख्यालय पर किसानों-मजदूरों ने डाला डेरा; न्याय नहीं मिलने तक जारी रहेगा धरना

प्रयागराज।टंडन वन को भू -माफियाओं से मुक्त करने, ओला प्रभावित किसानों-मजदूरों को मुआवजा देने, गांव व बस्तियों में पावर प्लांट की जहरीला राख गिराने से रोकने एवं नगर पंचायत शंकरगढ में पेयजल की व्यवस्था की मांग को लेकर शुक्रवार को भारतीय किसान यूनियन (भानु) संगठन ने बारा तहसील परिसर में अनिश्चित कालीन धरने पर बैठ गए।धरने पर बैठे किसानों मजदूरों ने रैली निकालकर तहसील प्रशासन बारा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के मंडल अध्यक्ष राजीव चंदेल ने कहा कि पिछले डेढ़ वर्ष से टंडन वन की जमीन भू माफियाओं से मुक्त कराने को लेकर जन संघर्ष किया जा रहा है, बावजूद इसके तहसील प्रशासन बारा न तो आज तक टंडन वन की समस्त भूमि की पैमाइश करा पाया और न ही भू माफियाओं के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गयी।
मंडल महासचिव के के मिश्र ने बताया कि स्थानीय गरीब किसान-मजदूर भूमिहीन हैं। उनके पास रहने तक की जमीन नहीं हैं। जबकि भूमाफिया व जमींदार कई वर्षों से टंडन वन की सैकड़ों बीघे जमीन पर कब्जा जमाकर उस पर खेती कर रहे हैं। टंडन वन की कब्जा की गयी जमीन को मुक्त कराने के लिये पिछले वर्ष भारतीय किसान यूनियन (भानु) संगठन के लोगों ने बारा से जिला मुख्यालय तक पैदल मार्च किया था। जहां डीएम प्रयागराज व एसडीएम बारा ने टंडन वन की भूमि का सीमांकन करने और कब्जादारों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन दिया था। डेढ़ वर्ष बीत जाने के बाद भी प्रशासन के द्वारा कोई मुकम्मल कार्रवाई नहीं हुई। मजबूर होकर अब किसानों-मजदूरों को धरने पर बैठना पड़ रहा है। इसके आलावां बारा पावर प्लांट पीपीजीसीएल प्लांट की जहरीली राख गांव व बस्तियों के नजदीक डम्प कर रहा है, जिससे पेयजल प्रदूषित हो रहा है। राख उड़ कर घरों में गिर रही है , जिससे बीमारी उत्पन्न हो रही है। प्रशासन को कई बार प्रार्थना पत्र देने, धरना-प्रदर्शन करने बाद भी पावर प्लांट से राख गिराना बंद नहीं हुआ।
तहसील अध्यक्ष रामू शुक्ला ने कहा कि मार्च में ओलावृष्टि के दौरान नष्ट हुई फसल का मुआवजा आज तक नहीं मिला। किसानों ने तहसील प्रशासन से मुआवजे के लिये फरियाद किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
शंकरगढ में पेयजल संकट को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। यहां पीने के लिये पानी का संकट है। यहां पीने के लिये पानी की व्यवस्था को लेकर सरकार ने चार करोड़ 64 लाख की लागत से गौरा जल परियोजना स्वीकृत किया था। इस परियोजना पर कार्य भी प्रारंभ हुआ , लेकिन बाद में यह प्रोजेक्ट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। पानी आपूर्ति के लिये जो पाइपें बिछायी गयीं, वह पहले से क्षतिग्रस्त थीं। पेयजल टंकी भी जमीन के भीतर पानी की उपलब्धता को देखकर नही स्थापित हुई। अब आलम यह है कि शंकरगढ़ टाउन एरिया में पीने का पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। आम जनता के पानी के लिये मारा- मारी हो रही है। भारतीय किसान यूनियन भानु गौरा जल परियोजना में भ्रष्टाचार के खिलाफ भी संघर्ष करेगा।
उपरोक्त सभी जनहित के मुद्दों को लेकर तहसील परिसर में जब तक न्याय नहीं मिलता धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। आज धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से जिला उपाध्यक्ष विनय शुक्ला, युवा जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह, जिला उपाध्यक्ष दीपक तिवारी, मीडिया प्रभारी पंकज मिश्रा, जिला संगठन मंत्री अनिल बिन्द, तहसील अध्यक्ष बारा रामू शुक्ला, ब्लाक अध्यक्ष शंकरगढ अरुण कुमार, ब्लाक अध्यक्ष जसरा राम बहादुर कुशवाहा, श्याम सुन्दर, राजवीर , अंकुश शुक्ला, रजनीश ओझा, राम नरेश कुशवाहा, सीमा कोल, राजकली कोल, शोभनाथ, लल्लू कोल, शिवबहादुर, वृहस्पति आदि उपस्थित थे।

एसडीएम व भाकियू (भानू) प्रतिनिधि मंडल के बीच हुई वार्ता

दिन भर चले धरना प्रदर्शन के बाद शाम को एसडीएम बारा व भारतीय किसान यूनियन (भानु) के प्रतिनिधि मंडल के बीच सभी मागों को लेकर आधे घंटे वार्ता हुई। भाकियू भानु के चारो मुद्दों पर एसडीएम ने कहा कि वह शनिवार को टंडन वन के मसले को किसी भी परिस्थिति में हल करेंगे। इस बावत उन्होंने डीएफओ से फोन पर वार्ता कर टंडन वन की पैमाइश के लिये टीम गठित कर उपस्थित रहने को कहा। पावर प्लांट की राख बस्तियों में डम्प करने के सवाल पर एसडीएम ने कहा कि तहसील प्रशासन की तरफ से माइन्स में राख गिराने के लिये परमीशन नही दी जायेगी। शंकरगढ में पेयजल संकट पर उन्होंने कहा कि सभी को पानी की आपूर्ति कराने के लिये कहा गया है। शंकरगढ ब्लाक के कई गांवों में ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को अभी तक मुआवजा न प्राप्त न होने के सवाल पर एसडीएम ने कहा कि डाटा फीडिंग में गड़बड़ी की शिकायत मिली है, जिसको दुरुस्त करने के लिये जिलाधिकारी के माध्यम से शासन को पत्र लिखा गया है। आपदा प्रबंधन विभाग से क्लीयर होने पर मुआवजा किसानों के खाते में पहुंच जायेगा। जबकि जिन किसानों के फसल नुकसानी का जानबूझ कर सर्वे नहीं किया गया, उन लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
वार्ता के बाद भारतीय किसान यूनियन भानु के मंडल अध्यक्ष राजीव चंदेल ने एसडीएम से कहा कि जब उपरोक्त सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक तहसील परिसर में धरना अनवरत चलता रहेगा ।


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