एकादशी पर व्रत रखकर की पूजा अर्चना

Support us By Sharing

कामां। हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आमलकी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। सभी एकादशियों में आमलकी एकादशी को सर्वोत्तम स्थान पर रखा गया है। आमलकी एकादशी को कुछ लोग आंवला एकादशी या आमली ग्यारस भी कहते हैं। इसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन व्रत रखा जाता है और जगत के पालनहार श्री हरि विष्णु के साथ आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि आंवले का पेड़ भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है। इस दिन पूजा के दौरान आमलकी एकादशी की व्रत कथा पढ़ने का विधान है। इससे भगवान विष्णु शीघ्र प्रसन्न होते हैं। कस्बां सहित ग्रामीण क्षेत्र में महिलाओं ने एकादशी पर व्रत रखकर पूजा अर्चना करते हुए भगवान विष्णु के साथ आवंले के पेड की पूजा की।


Support us By Sharing

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!