परिजनो ने किया जमकर हंगामा, तोड़े काँच, छावनी बना अस्पताल, परिजनो ने की 51 लाख रुपए मुआवजे की मांग
भीलवाडा। शहर के भीमगंज थानान्तर्गत नेहरू रोड स्थित रामस्नेही चिकित्सालय में महिला नर्सिग कर्मी की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। मौत की घटना से गुस्साए परिजनों ने चिकित्सालय में हंगामा खडा़ कर दिया। जानकारी के अनुसार रामस्नेही चिकित्सालय में मुलतः बबराना एवं हाल रूकमणी कॉलोनी निवासी 28 वर्षीय भारती पुत्री रघुवीर सिंह चौहान नर्सिंगकर्मी के रूप में कार्यरत थी। बुधवार शाम को नियत समय में चिकित्सालय गई थी। भाभी रत्ना चौहान का आरोप है कि गुरुवार सुबह 5.30 बजे चिकित्सालय प्रबंधन ने सूचना दी कि भारती की बुधवार को हालत बिगड़ी गई और यहां उपचार के दौरान गुरुवार सुबह उसकी मृत्यु हो गई। सूचना के बाद परिजन चिकित्सालय पहुंचे। इसी दौरान चिकित्सालय प्रबंधन भारती के शव को एम्बुलेंस से एमजी अस्पताल की मोर्चरी में ले जाने की तैयारी कर रहा था। परिजनों ने शव को वहीं रोक दिया और शव को वहीं नीचे उतरा कर रखवा दिया। चिकित्सालय प्रबंधन पर भारती की मौत का जिम्मेदार बताते हुए हंगामा मचा दिया। शव को वहीं जलाने की चेतावनी देते हुए अंतिम संस्कार तक के लिए लकडिया मंगवा ली। रावण राजपूत समाज के लोग भी एकत्रित हो गए और मुआवजे की मांग करने लगे। गुस्साए लोगों ने जमकर नारेबाजी व विरोध प्रदर्शन किया ओर कांच के दरवाजे तोड़ दिये। परिजन 51 लाख रुपए मुआवजे की मांग कर रहे है। सूचना मिलने के बाद भीमगंज, सुभाष नगर, कोतवाली व प्रतापनगर थाना पुलिस के साथ ही विधायक अशोक कोठारी, सीएमएचओ डॉ. सीपी गोस्वामी, सीओ सिटी मनीष बडग़ुर्जर, डिप्टी अदिति चौधरी, प्रतापनगर थाना प्रभारी सुरजीत सिंह ठोलिया, कोतवाल गजेन्द्र सिंह नरूका भी मौके पर पहुंचे और परिजनों से समझाइश कर अस्पताल प्रबंधन एवं परिजनों के बीच वार्ता करवाकर मामले के निस्तारण करने में जुटे है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से उनके परिजन की जान गई है। सीओ सिटी मनीष बडगूर्जर ने बताया की रामस्नेही अस्पताल में नर्सिंगकर्मी भारती (30) की मौत हो गई। मामले को लेकर अस्पताल प्रशासन और परिजनों से बातचीत कर रहे हैं। फिलहाल मौत के कारण सामने नहीं आ पाए हैं। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने साइलेंट अटैक से मौत होने की बात कही है।
इनका कहना
परिजनो के सभी आरोप निराधार
भारती रात को 1.38 बजे तक आईसीयू में राउंड पर थी। फिर यह सोने चली गई। रात 3 बजे करीब मेडिकल आईसीयू में एक सीरियस पेंशेंट आया तो साथी कर्मचारी इसे जगाने गए तो यह नहीं उठी। इसके बाद इसे वेंटीलेटर पर लेकर इलाज शुरू किया गया लेकिन जान जा चुकी थी। मौत के बाद परिजनों व पुलिस को सूचना दे दी। पुलिस के आने के बाद परिजनों की सहमति के बाद पोस्टमार्टम के लिए बॉडी पुलिस के सुपुर्द कर दी। परिजन लापरवाही के जो आरोप लगा रहे है वह निराधार है।
अशोक अजमेरा, प्रबंधक, रामस्नेही चिकित्सालय