शिव महापुराण का पांचवा दिन

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शिवाड़ 25 नवम्बर। घुश्मेश्वर महादेव मंदिर कालरा भवन में आयोजित संगीत मय शिव महापुराण कथा में पांचवे दिन राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित विष्णु शरण शास्त्री ने शिव पार्वती विवाह गृहस्थ जीवन एवम गणेश जन्म की कथा रिद्धि सिद्धि विवाह शुभ लाभ की उत्पत्ति एवं सत्संग का प्रशंग सुनाया।
पंडित ने कहा कि भगवान सत्संग में जितने मिलते उतने कही नहीं मिलते भगवान स्वर्ग, नर्क, मंदिर में थोड़ी देर तक ठहरते हैं एवम सत्संग में हमेशा मौजूद रहते हैं जीवों को हमेशा सत्संग करना चाहिए कीर्तन करना चाहिए भगवान कार्तिक का जन्म, ताड़का सुर का उद्धार गणेश भगवान द्वारा माता पिता की परिक्रमा, एवम ब्रह्मांड की परिक्रमा माता पिता के बारे बताया कि ब्रह्मांड में माता पिता से बड़ा पद व रिश्ता कोई नहीं है इसलिए माता पिता की सेवा सबको करनी चाहिए माता पिता साक्षात् भगवान का रूप है।

पंडित विष्णु शरण शास्त्री ने बताया कि सनातन धर्म को बचाने के लिए हम सबको जागरूक होना चाहिए हिंदुओं को सनातन धर्म को बचाने के लिए चार संताने पैदा करनी चाहिए। जिसमें एक फौज के लिए, एक राजनीति के लिए, एक माता पिता की सेवा के लिए आवश्यक है पहले के सरकारों ने हम दो हमारे दो का नारा देकर हिंदुओं की संख्या को कम करने की कोशिश की। कथा के दौरान महिलाएं पुरुष भगवान शिव के भजनों पर नाच गा कर आनन्द उठा रही थी इस दौरान अनेक लोग मौजूद थे।

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