सभी वर्गों ने ख़ुशी मनाई, कांग्रेस भाजपा के नेताओं ने अपनी अपनी पार्टी नेतृत्व को दिया श्रेय
बांसवाड़ा| देश में आजादी के बाद से लंबे समय से विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा जातिगत जनगणना की मांग की जा रही थी लेकिन जाति का जनगणना नहीं कर केवल दशकीय जनगणना हो रही थीl ब्रिटिश हुकूमत ने 1872 से 1931 तक जातिगत जनगणना कराई जिसमें केवल अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति की ही जातिगत जनगणना की जाती थी, अन्य वर्गों की नहीं जिसके चलते जनसंख्या के आधार पर पिछड़ों को उनका हक और अधिकार नहीं मिल पा रहा थाl जनसंख्या के आधार पर ओबीसी आरक्षण और सभी वर्गों क्षेत्र में हिस्सेदारी नहीं मिलने पर ओबीसी अधिकार मंच और सामाजिक संगठनों द्वारा जातिगत जनगणना कराई जाने की मांग की जा रही थी। केंद्र सरकार कि मोदी सरकार की ओर से जातिगत जनगणना करने की घोषणा के बाद गांधी मूर्ति पर ओबीसी अधिकार मंच सामाजिक संगठनों भाजपा कांग्रेस आदि राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों ने आतिशबाजी कर तथा एक दूसरे को मिठाई खिलाकर स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा की मोदी सरकार का धन्यवाद और विपक्ष के नेता राहुल गाँधी का आभार जताया । सभी ने जातिगत जनगणना को ऐतिहासिक कदम बताया। इस अवसर पर ओबीसी अधिकार मंच राजस्थान तथा सामाजिक कार्यकर्ता डॉ नरेश पटेल ने कहा कि जातिगत जनगणना सामाजिक न्याय, सामाजिक संगठनों और संविधान की जीत है l जातिगत जनगणना किसी भी जाति के खिलाफ नहीं है बल्कि सभी जाति व वर्गों को उनकी बराबरी की भागीदारी दिलाने का एक कदम है।इस अवसर पर कांग्रेस की भगवती भील ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए मोदी सरकार का बड़ा फैसला देते हुए कहा कि एसटी एससी ओबीसी दलित पिछड़ों के लिए अधिक हितकारी होगा । अब उन्हें उसका वास्तविक लाभ मिल पाएगा।
गांधीवादी और कांग्रेस के मीडिया प्रभारी भारत दोसी ने कहा कि सिर्फ मोदी ने हैडलाइन ली है, टाइम लाइन नहीं दी है कि कब से जातिगत जनगणना लागू करेंगे और कब जनगणना खत्म? जातिगत जनगणना राहुल गांधी के प्रयासों की जीत हैl उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस को 10 प्रतिशत आरक्षण बिना नियम कानून के दिया गया जो बिना जनगणना और तथ्यों के परे दिया गया है । जबकि ओबीसी को भी 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण जनगणना करें बिना भी दिया जा सकता था । जिसे मोदी सरकार ने वंचित रखा है।
भाजपा से पूर्व पार्षद महेश तेली ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से कोई सरकार जातिगत जनगणना का फैसला नहीं ले पाई जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेकर पिछड़ों ओबीसी के लिए इतिहास रच दिया है जिससे अब एसटी,एससी, दलित ओबीसी के सभी जातियों को भी उनकी हिस्सेदारी मिल पाएगीl साथ ही सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की सोच बदलकर एक समरसता पर आएगी। इस अवसर पर कांग्रेस के घाटोल युवा विधानसभा अध्यक्ष हेमंत मईड़ा ने कहा कि पिछले लंबे समय से एक बड़ा समुदाय अपनी जाति का जनगणना की मांग कर रहा था अब उनको अपनी सामाजिक आर्थिक स्थिति की जानकारी प्राप्त होगी तथा अपना हक अधिकार मिलने का मार्ग खुलेगा। जाट महासभा के जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र जाट ने कहा कि जातिगत जनगणना से सामाजिक और आर्थिक रूप से सभी समुदाय को उनका हक लाभ तो मिलेगा ही तथा सभी समुदायों को भी सामाजिक राजनीति में प्रतिनिधित्व मिल पाएगा। सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र यादव ने कहा कि जातिगत जनगणना शीघ्र कराकर सभी आंकड़ों को सार्वजनिक किए जाने की मांग की ताकि जिनकी जितनी संख्या भारी, उतनी उनकी शासन में हिस्सेदारी दी जा सके l उन्होंने जातिगत जनगणना को बहुजन समाज और कांशीराम की जीत बताया। इस अवसर पर शाहीद मंसूरी ने कहा कि जातिगत जनगणना की घोषणा कई सामाजिक संगठनों के संघर्ष की जीत है। उन्होंने बिहार तथा तमिलनाडु फार्मूला लागू करने तथा पुरानी जनगणना की कमियों को दूर करते हुए सामाजिक संपन्न जातियों को ओबीसी से हटाने की मांग की।ओबीसी अधिकार मंच के नगर अध्यक्ष लक्ष्मीकांत भावसार ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार तथा देश और ओबीसी के लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी ने जातिगत जनगणना कराने ने की घोषणा कर देश की ओबीसी पिछले दलित वर्गों के प्रति अपनी जिम्मेदारी पूरी करते हुए कृतज्ञता निभाई हैl यह फैसला मंडल आयोग,पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह, बाबा साहब अम्बेडकर के साथ ओबीसी अधिकार मंच और भाजपा कांग्रेस के साथ सभी राजनीतिक दलों की जीत करार दिया । साथ ही उन्होंने मोदी जी और राजस्थान में भजनलाल सरकार की डबल इंजन की सरकार से टीसीपी में ओबीसी को परीक्षाओं में अंकों में प्रतिशत तथा आयु की छूट दिलाते हुए ओबीसी आरक्षण को टीएसपी में में शीघ्र दिलाने की मांग की है। जितेंद्रकुमार भोई, रामचंद्र राठौड़, शैलेन्द्र सिंह राठौड़, भेरूलाल मीणा, गिरिराज मीणा अन्य उपस्थित थे l