शिव महापुराण के तीसरे दिन किया शिवलिंग के पांच प्रकारों का वर्णन


शिवाड़ 23 नवम्बर।पंकज शर्मा।  घुश्मेश्वर महादेव मन्दिर कालरा भवन में आयोजित संगीत मय शिव महापुराण कथा में तीसरे दिन राष्ट्रीय कथा वाचक पंडित विष्णु शरण शास्त्री ने पांच प्रकार के शिवलिंगों का वर्णन कर अर्ध नारिश्वर, सरस्वती, मां लक्ष्मी, व भगवती मां दुर्गा की कथा सुनाई।
शास्त्री ने सत्संग की महिमा का वर्णन करते हुए बताया कि सत्संग की बराबरी, स्वर्ग, अपवर्ग, धन पुजा पाठ, व्रत, तीर्थ, उद्यापन एक सत्संग की बराबरी भी नहीं कर सकते इसलिए हम सबको सत्संग जरूर जाना चाहिए। शिवरात्रि के बारे में बताया कि वर्ष भर पूजा करने से जो फल नहीं मिलता वह शिवरात्रि की एक दिन की पूजा से प्राप्त हो जाता है। शिवरात्रि क्यों बनी इसका विस्तार से वर्णन किया। शिवलिंग के बारे मे बताया कि शिवलिंग हर घर में होना चाहिए शिवलिंग की पूजा स्त्रियों को भी करनी चाहिए सभी वर्गों के लोग शिव लिंग की पूजा कर सकते हैं। शास्त्री ने कहा की कलयुग में शिवलिंग की पूजा ही श्रेष्ठ बताई गई है सारे देवता शिव लिंग में समाय हुए हैं तथा पांच प्रकार के शिवलिंगों का वर्णन किया सबसे जल्दी प्रसन्न होने वाले देव शिव ही है। अर्धनारीश्वर रूप से सरस्वती लक्ष्मी भगवती दुर्गा की उत्पति की कथा सुनाई। इस अवसर पर भगवान शंकर राक्षस गणों, नदी भगवान कार्तिक गणेश भगवान की सजीव झांकियां सजाई गई जो भक्त जनों को अपनी और आकर्षित करती नजर आयी। जिस पर महिलाएं और पुरुष नाच गाने को मजबूर हो गए।
कथा के दौरान प्रेम प्रकाश शर्मा, दुर्गा शंकर पारीक नेहरू लाल पाराशर हनुमान पाराशर सुरेंद्र कुमार शर्मा पुरुषोत्तम फौजी, रामनिवास खुमार भंवर लाल महारानियां कैलाशचंद शर्मा, सांवरा बोहरा, पवन कुमार शर्मा, हनुमान शर्मा संजय राव सहित अनेक सैकड़ो की संख्या में महिलाएं पुरुष उपस्थित थे।


WhatsApp Channel Join Now
Telegram Group Join Now