भरतपुर 6, फरवरी। कृषि महाविद्यालय भुसावर पर ग्रामीण उद्यामिता कृषि विकास योजनान्तर्गत विद्यार्थियों को मशरूम उत्पादन की वैज्ञानिक तकनीक सिखाई जा रही है। यह कार्य पौध रोग विशेषज्ञ डॉ. शंकर लाल यादव की देखरेख में चल रहा है। मशरूम उत्पादन के इच्छुक किसान व युवा कृषि महाविद्यालय भुसावर पर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते है।
महाविद्यालय के डीन डॉ. उदय भान सिंह ने बताया है कि किसान एवं युवा मशरूम उत्पादन कर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि मशरूम उत्पादन एक कमरे में शुरू किया जा सकता है, कमरे की खिडकियों पर अखबार, गत्ता अथवा टाट चिपका कर अंधेरा कर लिया जाता है तथा कमरे में बांस या लकडी से 3-4 स्तर के स्लेब बना लेते हैं, जिसपर मशरूम उत्पादन हेतु मशरूम स्पान मिश्रित उपचारित भूसे की थैलिया रखी जाती हैं। उन्होंने बताया कि भूसे को फार्मएल्हिाइड व बाविस्टीन के घोल से उपचारित कर पानी निचोडकर उसमें स्पान मिलाते हुए प्लास्टिक की थैलियों में भर दिया जाता है, अतिरिक्त पानी निकालने के लिए थैलियों में जगह-जगह छेद कर दिये जाते हैं। उन्होंने बताया कि इन थैलियों को बांस की स्लेब पर डार्क रूम में रख देते है। स्पान की वृद्धि होने पर प्लास्टिक थैलियों को हटा दिया जाता है। इस तरह एक माह मे मशरूम की छतरी आने लगती हैं।