बौंली, बामनवास। अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस के उपलक्ष्य में जयपुर आर्ट समिट, एस्ट्रल पाईप और राजस्थान पर्यटन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में चार दिवसीय चित्रकला कार्यशाला “सेव द स्ट्रिप्स” का आयोजन रणथंभौर के होटल विनायक में किया जा रहा है। इस कार्यशाला में देश भर के बाइस नामचीन कलाकार अपनी-अपनी विशिष्ट कलात्मक शैलियों में बाघ और उसके दृश्यात्मक प्रतीकात्मक स्वरूपों को अपने-अपने कैनवास पर उकेरते नजर आएंगे।इस कला शिविर के संयोजक, सवाई माधोपुर के विजय कुमावत ने बताया कि इस प्रयोजन को जल्द ही अंतरराष्ट्रीय पटल पर भी ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों से न केवल कलाकारों को अपनी कला को प्रदर्शित करने का मंच मिलता है, बल्कि बाघ संरक्षण के प्रति जागरूकता भी फैलती है। आर्ट समिट के निदेशक शैलेंद्र भट्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रकृति के अस्तित्व की लड़ाई में हमारी सहभागिता हो, जिसके लिए समूचे समाज को कार्य करना होगा। आर्ट समिट टाइगर जैसी विशेष प्रजाति को संरक्षित करने के लिए कार्य करने हेतु संकल्पित है, और कला आयामों के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा देने की दिशा में निरंतर काम किया जा रहा है।कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन पर्यटन विभाग के अतिरिक्त निदेशक, सवाई माधोपुर द्वारा किया गया। जिला कलेक्टर खुशाल यादव द्वारा भी शिविर में बन रही पेंटिंग्स का अवलोकन कर सभी कलाकारों को प्रोत्साहित किया। यादव ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन पर्यटकों को आकर्षित करने के साथ-साथ स्थानीय कलाकारों को भी प्रोत्साहित करते हैं।लखनऊ से आए कला समीक्षक और नाद रंग पत्रिका के संपादक आलोक पराडकर के द्वारा कला वार्ता में कला वैचारिकी और चेतना विषय पर विचार प्रकट किए गए। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से कला के प्रति लोगों की रुचि बढ़ती है और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भी समझा जा सकता है।इस चार दिवसीय कार्यशाला के दौरान, कलाकार बाघों के संरक्षण और उनकी सुंदरता को अपने कला माध्यम से उजागर करेंगे, जो न केवल कला प्रेमियों के लिए, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस आयोजन से उम्मीद है कि बाघ संरक्षण के संदेश को व्यापक रूप से फैलाया जा सकेगा और लोगों में इसके प्रति संवेदनशीलता बढ़ेगी