कुशलगढ़, बांसवाड़ा।अरुण जोशी। नवदुर्गा महिला मंडल रणछोड़ राय मंदिर बागीदौरा एवं विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय बागीदौरा के सहयोग से राजस्थान स्वास्थ्य सेवा अभियान के तत्वावधान में विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस के उपलक्ष्य में इलेक्टोपैथी के जनक काउंट सीजर मैटी के 216 वे जन्मदिवस पर निःशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन विद्या निकेतन विद्यालय परिसर में किया गया ।शिविर में मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री राजस्थान सरकार महेंद्रजीत सिंह मालवीय , सुभाष जी तंबोलिया( पूर्व प्रधान बागीदौरा ), सुभाष खराड़ी( प्रधान बागीदौरा ) ललित पाटीदार ( जिला परिषद सदस्य,) व अध्यक्षता डॉक्टर हेमंत जी सेठिया (अध्यक्ष इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा परिषद जयपुर) ने की। प्रज्वलन कर शिविर का उद्घाटन किया इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री महेंद्र सिंह जी मालवीय ने कहा कि इलेक्ट्रोपैथी जनजाति परिवेश के अनुकूल पद्धति है।अतः हमें इस और भी विचार करना चाहिए व इसे अपनाना चाहिए साथ ही कहा कि प्रकृति में असीमित स्वास्थ्य का खजाना छुपा हुआ है हमें इसे जानने और पहचान की आवश्यकता है। साथ ही डॉक्टर हेमंत सेठिया ने कहा कि इलेक्टोपैथी सरल सुरक्षित एवं पूर्णतः प्राकृतिक औषधि पेड़ पौधों से निर्मित दवाओं की पद्धति है। इस पद्धति के कोई साइड इफेक्ट नहीं है यह दवाई सामान्यतः पेट के रोग श्वास रोग चर्म रोग एवं पथरी संबंधी रोगों में अधिक कारगर पाई जा रही है। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत बागीदौरा उप सरपंच गोपाल पाटीदार समाजसेवी धुलजी भाई पंचाल एवं डॉक्टर हरि सिंह बुमरो ने करवाया। शिविर में चिकित्सा दल ने 165 लोगों का निदान व उपचार किया ।शिविर में कैंसर की संतानता, थायराइड, पथरी,कमर व घुटना दर्द,मधुमेह साइनस,पाइल्स, टॉन्सिल,लिवर रोग,खून की कमी चर्म रोग,अस्थमा एलर्जी सर्दी खांसी जोड़ों का दर्द स्त्री रोग व मौसमी बीमारियों के रोगियों ने स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया। चिकित्सा दल में डॉक्टर सुरभि शर्मा,डॉक्टर योगेश आहारी,डॉक्टर अशोक पाटीदार, डॉ सोहनलाल भगोरा,डॉक्टर जितेंद्र खांट,डॉक्टर प्रकाश कटारा ,डॉ विपिन प्रजापत, जय किशन बुनकर,पिंकेश पंचाल ने अपनी सेवाएं प्रदान की ।शिविर के संयोजक हेमंत सुथार ने सभी चिकित्सक दल व अतिथियों का आभार प्रदर्शन करते हुए कहा कि यह संस्थान वर्ष भर में इस तरह के कई जन उपयोगी कार्य करती रहती है। कार्यक्रम का संचालन विद्या निकेतन माध्यमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका पूनम सोलंकी ने किया।