यज्ञ और यज्ञमय जीवन से प़ाप्त होता है जन्म मरण चक़ से छुटकारा – यश
कृष्ण पोल आर्य समाज में झालानी परिवार द्वारा आयोजित दस दिवसीय ऋग्वेद पारायण यज्ञ की पूर्णाहुति रविवार को।
जयपुर, वगरू वाले ओमप्रकाश एवं श्रीमति विमला झालानी परिवार द्वारा आर्य समाज कृष्ण पोल में आयोजित दस दिवसीय ऋग्वेद पारायण यज्ञ में भक्त जन ऋग्वेद की ऋचाओं से आहुतियां दे रहे हैं।
ईश्वर भक्ति भजनों के साथ वैदिक विद्वान आध्यात्मिक सांस्कृतिक सामाजिक और वैज्ञानिक चिन्तन से लाभान्वित करा रहे हैं। वैदिक चिंतक ओमाश्रय सेवा धाम संचालक यशपाल यश ने ईश्वर के सर्वशक्तिमान सर्वरक्षक सर्वज्ञ सर्वन्तर्यामी न्यायकारी दयालु गुणों तथा भक्ति एवं विशेष भक्ति का मर्म समझाया।यश ने कहा कि आत्मा और अन्त: करण की आज्ञा पालन करना “भक्ति”है । ईश्वर प़दत्त सकल उत्तम सामग्री तथा तन मन धन ज्ञान विज्ञान की सव सामर्थ्य को जीव कल्याणार्थ स्वाहा यानि समर्पित करना विशेष भक्ति है।
यश ने कहा कि आहुति देते हुए स्वाहा के वाद “इदन्न मम् ” वोलना यानि समर्पित आहुति मेरे लिए नहीं सबको कल्याण कारी हो भाव से यज्ञ और यज्ञमय जीवन मोक्षदायिनी होता है जो जन्म-मरण चक़ से छुडाता है।
यज्ञ वृह्मा श्रीमति श्रुति शास्त्री हैं और मंत्र पाठ श्रीमति सुमित्रा शास्त्री एवं आचार्य रचना शास्त्री कर रहीं हैं।
आर्य समाज प़धान कमलेश शर्मा ने बताया कि रविवार तेरह अगस्त को यज्ञ की पूर्णाहुति विदुषी एवं विद्वानों का सम्मान तथा ऋषि लंगर के साथ होगी।