बगीचियॉ व कुण्ड हमारे जीवन का रहे हैं अभिन्न अंग – गुप्ता

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पीडी शर्मा/भरतपुर, समृद्ध भारत अभियान संस्था के निदेशक सीताराम गुप्ता ने जिला कलक्टर को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि शहर की बगीचियों एवं कुण्डों का जीर्णोद्धार कराया जाये क्योंकि ये रियासत काल से हमारे जीवन का अंग रहे हैं। अधिकांश बगीचियों पर अखाडे व मीठे पानी के लिए कुए हुआ करते थे जहॉ लोग सुबह शाम स्नान के बाद पूजा पाठ, योग – प्राणायम जैसे नित्य कर्म करते थे। अधिकांश बगीचियों के पास कुण्ड होने के कारण इनमें स्नान करने के साथ लोग तैरना भी सीखते थे। गुप्ता द्वारा लिखे पत्र में कहा है कि समय के साथ बगीचियों व कुण्डों का अस्तित्व लगभग समाप्त होने के कगार पर पहुॅच गया। शहर के चारों तरफ बनी बगीचियों में बने कुओं में मीठा पानी होता था जिसे क्षेत्र के निवासी पानी को काम में लेते थे। इन बगीचियों पर मंदिर अवश्य होते थे जहॉ लोग दोनों समय पूजा-पाठ करने अवश्य आते थे। चूँकि कुण्डों मेें वर्षा जल एकत्रित होने से बगीचियों में बने कुओं का पूरे वर्ष पर्यन्त पर्याप्त मीठा जल प्राप्त होता था। पत्र में कहा है कि शहर की कुछ बगीचियों व कुण्डों पर लोगों ने अतिक्रमण कर इनके स्वरूप को लगभग समाप्त कर दिया है। निदेशक सीताराम गुप्ता ने पत्र में कहा है कि संस्था ने जन सहयोग से भूरी सिंह बगीची, अलक-झलक बगीची एवं गोलमोल बगीची का तो जीर्णोद्धार करा दिया है किन्तु अलक-झलक बगीची के पास वायवृक्ष बगीची, जघीना गेट के पास हरीहर बगीची, कलैक्ट्रेट के पास नवगृह कुण्डा बगीची, गणेश मंदिर के पीछे श्मशानेश्वर बगीची, किले के अन्दर बांगड वाले हनुमान बगीची और सीताराम कुण्डा, मलाह रोड पर अलक-झलक कुण्डा, भूरी सिंह व्यायाम शाला के पास का कुण्डा, बी-नारायन गेट बाहर कच्चा कुण्डा व रोशन बाला कुण्डा, गणेश मंदिर के पास धोबी घाट वाला कुण्डा, नवग्रह कुण्डा, बटरा साहब की डिग्गी, एम.एस.जे. कॉलेज परिसर में स्थित डिग्गी, पदम विला डिग्गी, कलक्टर निवास के सामने डिग्गी, एस.पी. ऑफिस के सामने का कुण्डा, सालिगराम कुण्डा, गोलमोल बगीची कुण्डा, आदि का जीर्णोद्धार एवं विकास राज्य सरकार, नगर निगम व नगर विकास न्यास द्वारा कराये जायें।


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