जिस घर में बुजुर्ग हंसते हैं उसे घर में भगवान बसते हैं; अपना घर सेवा समिति कामा का अनूठा आयोजन


जिस घर में बुजुर्ग हंसते हैं उसे घर में भगवान बसते हैं
हिंदू,मुस्लिम,सिख व जैन समुदाय के वयोश्रेष्ठ वृद्ध जन को किया सम्मानित
अपना घर सेवा समिति कामा का अनूठा आयोजन

कामां। अंतरराष्ट्रीय वृद्ध जन दिवस के अवसर अपना घर सेवा समिति इकाई कामा द्वारा हिन्दू,मुस्लिम,सिख,जैन व विभिन्न समाजों के 21 वयोश्रेष्ठ वृद्ध जनों का कामां के खंडेलवाल धर्मशाला में सेवा सम्मान समारोह आयोजित कर सम्मानित किया गया। वहींे सम्मान पाकर बुजुर्गो ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपनाघर के कार्यों की सराहना की।
अपना घर सेवा समिति के अध्यक्ष खेमराज मातुकी वाले ने बताया कि वर्द्धजन सम्मान समारोह का शुभारंभ प्रथम आराध्य गणेश जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं कमल सिंह कमल की सरस्वती वंदना के साथ हुआ। कार्यक्रम में वक्ताओं ने कहा कि वृद्धजन वटवृक्ष की तरह होते हैं जो अनेक यात्रियों को छाया प्रदान करते हैं। कार्यक्रम में कैलाश लोहिया,मुरारीलाल सक्सेना,हरिओम सोनी,बलराम गुर्जर,मुकुट बिहारी शर्मा,दुलीचन्द लोधा, इदरीश खान ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति दूषित होती जा रही है। इसलिए बुजुर्गों का सम्मान कर नई दिशा दिखाना आवश्यक है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कार्यक्रम संयोजक संजय जैन बड़जात्या ने कहा कि जिस घर में बुजुर्ग हंसते हैं वहां भगवान बसते हैं, बुजुर्गों के पास अनुभव का बहुत बड़ा खजाना होता है।


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