भीलवाड़ा के टाउन हॉल में 27 अगस्त मंगलवार को आयोजित एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में, गोकुल डेयरी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने मिलकर 400 किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत, प्रत्येक किसान को मात्र 4 प्रतिशत सालाना ब्याज दर पर 1 लाख रुपये का पशु ऋण प्रदान किया जाएगा। इस योजना के तहत कुल 4 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे।
गोकुल डेयरी के मैनेजिंग डायरेक्टर, अशोक चैबे ने बताया कि यह पहल राजस्थान में पहली बार किसी प्राइवेट डेयरी द्वारा अपने किसानों के आर्थिक उत्थान के लिए उठाई गई है। यह कदम किसानों के लिए न केवल आर्थिक मजबूती का प्रतीक है बल्कि उनकी आजीविका में स्थायित्व लाने के लिए भी महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर गोकुल डेयरी और एसबीआई के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। अशोक चैबे ने बताया कि यह कार्यक्रम न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे किसानों को अपने पशुधन की देखभाल और विकास के लिए आवश्यक संसाधन प्राप्त होंगे। यह योजना किसानों को पशुधन की खरीद और उनकी देखभाल के लिए एक सुरक्षित और सुलभ वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
गोकुल डेयरी और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बीच इस योजना के लिए 3 अप्रैल 2024 को एक समझौता एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें दोनों संगठनों ने मिलकर किसानों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की थी। इस समझौते के तहत, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने गोकुल डेयरी से जुड़े किसानों को पशु ऋण देने के लिए इस विशेष योजना की शुरुआत की है।
कार्यक्रम के दौरान, किसानों को इस योजना का लाभ कैसे उठाया जाए, इसके बारे में विस्तृत जानकारी भी प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, किसानों को अपने ऋण का प्रभावी उपयोग कैसे करें, इस पर भी मार्गदर्शन दिया जाएगा। गोकुल डेयरी के इस कदम को किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
डेयरी की चेयरमैन सावित्री व्यास, मुख्य सलाहकार मुरलीधर व्यास, जनरल मैनेजर अमित व्यास, प्रबंध संचालक अशोक चैबे, मार्केटिंग हेड अरविंद गर्ग ने किसानों से आग्रह किया कि वे इस योजना का लाभ उठाकर अपने पशुधन का विकास करें और अपने जीवनस्तर को बेहतर बनाएं। उन्होंने विश्वास जताया कि इस पहल से किसानों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने और अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद मिलेगी।