शंकरगढ़ ब्लाक में अमृत सरोवर योजना की आड़ में लुट रहा सरकारी खजाना


प्रयागराज। जनपद के यमुनानगर विकासखंड शंकरगढ़ शंकरगढ़ की ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर योजना के नाम पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का गंभीर मामला सामने प्रकाश मेंआया है। जल संरक्षण और पर्यावरण संवर्धन के उद्देश्य से शुरू की गई इस महत्त्वाकांक्षी योजना को कुछ भ्रष्ट अधिकारियों और पंचायत प्रतिनिधियों ने अपनी कमाई का जरिया बना डाला। शिकायत के अनुसार, कई स्थानों पर अमृत सरोवर का निर्माण कागजों में पूरा दिखा दिया गया, जबकि जमीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। कहीं गड्ढे अधूरे हैं, तो कहीं मिट्टी डालकर खानापूरी कर दी गई है। सामाजिक कार्यकर्ता घनश्याम प्रसाद केसरवानी ने 23 मई 2025 को प्रधानमंत्री जन शिकायत पोर्टल पर इसकी विस्तृत शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि शंकरगढ़ की ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर ही नहीं, बल्कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) और अन्य विकास योजनाओं में भी भारी गड़बड़ियों हुई हैं। पंचायत सचिवों और ग्राम प्रधानों की मिलीभगत से निर्माण कार्यों में गुणवत्ताहीन सामग्री का इस्तेमाल हुआ और बिना किसी तकनीकी ऑडिट के ही भुगतान कर दिए गए।स्थानीय जनता में इस खुलासे के बाद आक्रोश है। लोगों का कहना है कि करोड़ों रुपये की सरकारी योजनाएँ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं और जरूरतमंद ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। उन्होंने मांग की है कि न केवल अमृत सरोवर, बल्कि सभी विकास कार्यों की एक स्वतंत्र एजेंसी से तकनीकी और वित्तीय ऑडिट कराया जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो।प्रधानमंत्री कार्यालय ने त्वरित संज्ञान लिया है और शिकायत को उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को अग्रेषित कर दिया। अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन मामले में क्या कार्रवाई करता है और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कैसे की जाती है।


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