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भव्य काष्ठ रथ का लोकार्पण 15 को


वीरोदय तीर्थ को एवीएस परिवार द्वारा भेंट किया जाएगा काष्ठ रथ; शिल्पियों ने रथ पर जिन परंपरा के अनुसार तीर्थंकरों की मां के सोलह सपनों को उकेरा

बांसवाड़ा।अरुण जोशी। वागड़ के सबसे बड़े तीर्थ क्षेत्र वीरोदय तीर्थ पर एवीएस परिवार द्वारा निर्मित भव्य काष्ठ रथ का लोकार्पण एवं तीर्थ को 15 दिसंबर को भेंट किया जाएगा। एवीएस के प्रवक्ता संकेत जैन ने बताया की पिछले साल 2023 के पर्युषण पर्व पर आचार्य विद्यासागर परिवार ओर विध्या पूर्णा ग्रुप के एक भव्य काष्ठ रथ निर्मित कर वीरोदय तीर्थ को भेंट करने के भाव हुये थे । जिसको साकार करने एवीएस परिवार के 130 परिवारों ने दान राशि निकाल कर 1 साल मे निर्मित कराया । जिसे 14 दिसंबर को धार्मिक विधान कर दिनांक 15 को समाज के समक्ष वीरोदय तीर्थ को भेंट किया जाएगा। क्या खास है रथ मे भव्य काष्ठ रथ का वेसे तो बहुत महत्व है जैन धर्म मे क्यूकी प्रत्येक धार्मिक आयोजन के पश्चात भगवान इस पर सवार हो कर ही नगर भ्रमण को निकलते है लेकिन इस रथ की कुछ विशेषता इसको अन्य से भिन्न बनाती है चतुष्कोणीय रथ तीन मंजिला और चार-चार द्वार तथा द्वारपाल हैं। रथ पर हाथी, घोड़ा, बंदर व अन्य प्राणियों के चित्र अंकित हैं जो जीव दया का अकाट्ïय प्रमाण हैं। सागवान की लकड़ी से शिल्पियों ने रथ पर जिन परंपरा के अनुसार तीर्थंकरों की मां के सोलह सपनों, मुनिमहाराज के चित्र अंकित किए और स्तंभों का निर्माण किया। चारो और मनमोहक कठपुतलियां नृत्य की मुद्रा में दिखाई देती हैं। हाथी के चित्ताकर्षक चित्र और तौरण द्वार भी भव्य हैं। काष्ठ की बारीक कलात्मक शैली को शिल्पियों ने जाजी में उकेरा। रथ पर पहरेदारी करते फन फैलाएं दो खूबसूरत सफ़ेद गजरथ ऐरावत हाथी,भगवान बाहुबली, परस्परोपग्रहो जीवनाम चिन्ह, रजतमई 5 छत्र, प्रत्येक मंजिल पर चार चार झरोखे, झरोखे के दोनों ओर काले हाथी पर बैठे महावत, रथ के दोनों ओर अपने पंख फैलाये खड़ा मोर ओर गाय और शेर आमने सामने एक घाट पर चिन्ह अंकित कर बताया जा रहा है कि जिओ और जिने दो के संदेश में भगवान महावीर स्वामी ने यही बताया कि गाय और शेर एक घाट पर पानी पिते हुए परस्परोपग्रहो जीवानाम सार्थक करते है । पांच क्विंटल रथ की उचाई जमीन से 15 फिट इसकी चोड़ाई साड़े 5 फिट ओर लंबाई 11 फिट है इसे बनाने में 8 माह लगे तथा इसे लोहारियां के शिल्पियों ने तैयार किया। सानिध्य प्राप्त होगा एवीएस परिवार अध्यक्ष राजेश गांधी ने बताया कि संत शिरोमणि आचार्य 108 श्री विद्यासागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री 108 अजितसागर जी महाराज, मुनि श्री 108 नीरागसागर जी महाराज, एलक श्री 105 विवेकानंदसागर जी महाराज एवं ज्येष्ठ आर्यिका 105 विज्ञानमती माताजी ससंघ का सानिध्य में रथ भेंट करने का आयोजन होगा ।