हर साल लाखों के राजस्व को लगा रहे चूना जिम्मेदार बने मूकदर्शक
प्रयागराज। अब शादी विवाह में बिना ताम झाम के लोग खर्च बचाने के लिए गेस्ट हाउस (विवाह घर) में शादी विवाह का आयोजन कर रहे हैं। ऐसे में शंकरगढ़ क्षेत्र में बिना लाइसेंस, बिना मानक, एवं बिना पार्किंग, के एक दर्जन मैरेज हाल शंकरगढ़ क्षेत्र में अवैध तरीके से संचालित हो रहे हैं। मैरिज हालों पर नियम कानून का कोई बंधन नहीं है।इधर पिछले 5 वर्षों से शंकरगढ़ क्षेत्र में तकरीबन छोटे-बड़े एक दर्जन भर गेस्ट हाउस (विवाह घर) खुल गए जो बिना लाइसेंस के धड़ल्ले से चल रहे हैं। नक्शा विहीन गेस्ट हाउस में न तो सुरक्षा और न ही पार्किंग की सुविधा मिल रही है। अग्निशमन के मानक की अनदेखी मुसीबत में डाल सकती है। करोड़ों का कारोबार करने वाले मैरिज हालों में नियम कानून का खिलवाड़ होता नजर आ रहा है। जानकारों की मानें तो क्षेत्र में एक या दो गेस्ट हाउस को छोड़कर बाकी सभी गेस्ट हाउस बगैर लाइसेंस के संचालित हो रहे हैं। संचालन के लिए निर्धारित नक्सा होना जरूरी है हर प्रकार की जांच होनी चाहिए। शंकरगढ़ क्षेत्र के गेस्ट हाऊस की सूची विभाग द्वारा कब तैयार की जाएगी और नियमानुसार कब कार्यवाही होगी यह लोगों के बीच में एक यक्ष प्रश्न बनकर रह गया है।गेस्ट हाउस एवं विवाह घरों का का लाइसेंस एवं मानक की अनदेखी प्रशासनिक व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। मैरिज हाल में कम से कम 400 से 500 या उससे अधिक की भीड़ एक आयोजन में एकत्रित होती है। आखिर इसके लिए जिम्मेदार विभाग कौन होगा ? यह भी तय नहीं हो पा रहा है। क्षेत्र में यूं तो मैरिज हाल पहले भी संचालित हो रहे थे मगर लगभग पांच वर्षों के अंदर गेस्ट हाउस की भरमार हो गई है।पहले इनकी संख्या दो-चार थी, लेकिन अब तो मैरिज हाल हर गली-कूचों में संचालित होते जा रहे है।आबादी के अंदर मानक विहीन चल रहे मैरिज हाल आम जनता के जन-जीवन को अस्त- व्यस्त कर रहे है। निर्धारित साउंड डेसिबल से ज्यादा डीजे की धुनों पर रात भर गाना बजाना चलने से स्थानीय लोग परेशान हो रहे हैं। अहम और बड़ा सवाल प्रशासन, नगर पंचायत विभाग सहित किसी विभाग के पास मैरिज हाल कितनी संख्या में चल रहे है इसका लेखा-जोखा क्या है। शादी समारोह में ज्यादा आने वाली भीड़ की सुरक्षा के प्रति लापरवाही कभी भी भारी पड़ सकती है जो कहीं ना कहीं सिस्टम पर सवालिया निशान लगा रहा है।