सही दिशा में किया गया कठोर परिश्रम सफला सुनिश्चित करता है
सवाई माधोपुर, 8 सितम्बर। भविष्य की उड़ान नवाचार कार्यक्रम के अन्तर्गत सहायक निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय सवाई माधोपुर में संचालित निःशुल्क वाचनालय में शुक्रवार को भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मीडिया अधिकारी गौरव शर्मा ने केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार की भर्ती परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों को समय प्रबंधन करते हुए प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी किस प्रकार से करें, कौन-कौन सी लेखकों की पुस्तकें उन्हें पढ़नी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक सफल नहीं हो जाए तब तक हार नहीं माने, मनोबल को ऊंचा रखें, असफल होने पर कोई मजाक उड़ाता है तो उड़ाने दे, सही दिशा में किया गया कठोर परिश्रम सुखद परिणाम देता है।
उन्होंने इस दौरान प्रतिभागियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों के अलावा साहित्य की पुस्तकें पढ़ने, निरन्तर अखबारों का अध्ययन कर अपने आपको प्रदेश, देश-विदेश में घटने वाली घटनाओं, ज्ञान-विज्ञान से अपने ज्ञान में निरन्तर वृद्धि करते रहने की सलाह दी।
उन्होंने बताया कि किसी भी परीक्षा को पास करने का मूल मंत्र है सही दिशा-हमें अपने लक्ष्य का ज्ञान होना चाहिए। उसके बाद अपनी बुनियाद या कहें कि बेसिकस को मजबूत करना हमारा लक्ष्य प्राप्ति का अगला कदम होना चाहिए। हमें अपनी तैयारी नोट्स बनाकर करनी चाहिए। नोट्स बनाने से उन्हें दो फायदे होते हैं पहला फायदा तो होता है अच्छी रिकॉल वैल्यू या कहें की पढ़ी हुई चीज लम्बे समय तक याद रहती है। दूसरा परीक्षा के दौरान हम रिवीजन आसानी से कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि हमें प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी परीक्षा के पैटर्न को समझ कर करनी चाहिए। ज्यादातर प्रतियोगिता की परीक्षाओं में पाठ्यक्रम में चार सेक्शंस होते हैं सामान्य अध्ययन, रीजनिंग, क्वानटेटिव एप्टीट्यूड (10वी तक की गणित) और सामान्य अंग्रेजी, हिंदी क्षेत्र के विद्यार्थियों की अंग्रेजी को लेकर विशेषता परेशानियां जुड़ी हुई है इसके लिए उन्हें निरंतर अंग्रेजी की किताबें एवं समाचार पत्रों को पढ़ना चाहिए। उनकी अप्रोच होनी चाहिए कि वे चारों के चारों सेक्शंस में बेहतर करें इसके लिए उन्हें हर एक सेक्शंस को अच्छा समय देना पड़ेगा जो उनका सबसे कमजोर क्षेत्र है उसको उन्हें मजबूत करना पड़ेगा।
ऐसा भी देखा गया है कि बच्चे अच्छी मेहनत के बावजूद भी कई बार रिजल्ट नहीं ला पाते हैं इसको हम नसीब से जोड़कर ना देखें अपितु हमें इसका मूल्यांकन करना चाहिए सही मूल्यांकन से ही लक्ष्य की प्राप्ति भी संभव है नसीब को तो हम यह मन कर चलेंगे कि हमारा नसीब अच्छा है और हम नौकरी को लेकर ही रहेंगे जिसकी हम तैयारी कर रहे हैं। हमें अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए पढ़ाई के साथ क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य से ही तन मन के साथ हम पढ़ाई कर सकते हैं। पढ़ाई का सिलसिला सिर्फ नौकरी तक नहीं रहना चाहिए पढ़ाई का सिलसिला लगातार चलते रहना चाहिए। हम अपना लक्ष्य पा सकते हैं हम किसी भी पद पर जा सकते हैं अगर हमने तय कर लिया है तो इसलिए हमारे लक्ष्य ऊंचे होने चाहिए हमें मूल्य का भी ध्यान रखना चाहिए।
सहायक निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क हेमन्त सिंह ने भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के मीडिया अधिकारी का कार्यालय के वाचनालय में विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रतिभागियों को प्रतियोगिता परीक्षाओं की सफलता के मूलमंत्र प्रदान करने एवं उनका मनोबल बढाने पर आभार व्यक्त किया।
इस दौरान सहायक जनसम्पर्क अधिकारी सुरेन्द्र कुमार मीना, कनिष्ठ सहायक किरोड़ी लाल मीना सहित अन्य उपस्थित रहे।