हरि सेवा उदासीन आश्रम द्वारा जरूरतमंद बच्चों को वितरित की गई सामग्री, ड्रेस और श्रृंगार किट


सेवा भावना से ओतप्रोत कार्यक्रम में दिखी भक्तों की सहभागिता, बालकों के चेहरों पर लौटी मुस्कान

भीलवाड़ा।सेवा ही धर्म है की भावना को आत्मसात करते हुए सनातन मंदिर स्थित हरि सेवा उदासीन आश्रम ने एक बार फिर समाज सेवा का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। आश्रम की ओर से कच्ची बस्तियों में रहने वाले जरूरतमंद बच्चों को ड्रेस, स्टेशनरी, टॉफी-बिस्कुट और बालिकाओं को श्रृंगार किट वितरित की गई। यह सेवा कार्य महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन जी महाराज के सान्निध्य एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

सहयोग की भावना से हुआ भव्य आयोजन

हंसगंगा हरिशेवा भक्त मंडल के सक्रिय सदस्य पंकज आडवाणी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह सेवा अभियान हरि सेवा धर्मशाला एवं हंसगंगा हरिशेवा चेरिटेबल ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। सेवा कार्य का उद्देश्य कच्ची बस्तियों में रह रहे निर्धन और वंचित तबके के बच्चों तक बुनियादी सुविधाएं पहुंचाना है, ताकि उनमें आत्मसम्मान की भावना जागृत हो सके और वे समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें।

इस अभियान के अंतर्गत 1 वर्ष से 5 वर्ष की आयु तक के बालक-बालिकाओं के लिए एक हजार पैकेट तैयार किए गए। इन पैकेट्स में बच्चों की दैनिक आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ड्रेस, कॉपी, पेन, बिस्कुट, टॉफी और रुमाल शामिल किए गए। साथ ही बालिकाओं के लिए श्रृंगार किट भी तैयार की गईं, जिनमें कंघी, टिकली, बिंदी, चूड़ियां, क्लिप्स आदि सामग्री शामिल थी। कुल एक हजार श्रृंगार किट्स का वितरण भी किया गया।

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मुस्कान फाउंडेशन और नवयुवक सेवा संस्थान का विशेष सहयोग

इस सेवा प्रकल्प में मुस्कान फाउंडेशन तथा पूज्य झूलेलाल नवयुवक सेवा संस्थान के सदस्यों का विशेष सहयोग रहा। इन दोनों संस्थाओं के कार्यकर्ताओं ने न केवल वितरण में भागीदारी निभाई बल्कि इससे पहले सर्वे कर वास्तविक जरूरतमंद बच्चों की सूची तैयार की, ताकि सामग्री सही हाथों तक पहुंचे और इसका अधिकतम लाभ मिल सके।

सदस्यों ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं और सेवा भावना को सशक्त बनाते हैं। विशेष बात यह रही कि वितरण के दौरान बच्चों के चेहरों पर जो मुस्कान दिखाई दी, वही इस अभियान की सबसे बड़ी सफलता कही जा सकती है।

उपस्थित रहे संतगण और सामाजिक कार्यकर्ता

इस अवसर पर संत मयाराम, संत राजाराम, संत गोविंदराम, ब्रह्मचारी इंद्रदेव, सिद्धार्थ, मिहिर सहित कई संतों और समाजसेवियों ने उपस्थित रहकर बच्चों को आशीर्वाद प्रदान किया। पूज्य झूलेलाल नवयुवक सेवा संस्थान के हेमनदास भोजवानी, इंद्र अवतानी, जय गुरनानी, दीपक मेहता, कन्हैयालाल जगत्यानी, हरीश राजवानी, महाराज दीपक शर्मा एवं हंसगंगा हरिशेवा भक्त मंडल के अनेक सदस्य आयोजन में सक्रिय रूप से जुड़े रहे।

सभी अतिथियों ने एक स्वर में इस प्रकार के आयोजनों की निरंतरता की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि समाज को समरस और सशक्त बनाने के लिए ऐसी सेवाएं अत्यंत आवश्यक हैं।

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सेवा ही सच्चा साधना मार्ग: स्वामी हंसराम

इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने अपने संदेश में कहा कि सेवा ही सच्ची साधना है। जब तक समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सुख-सुविधाएं नहीं पहुंचतीं, तब तक धर्म की पूर्णता नहीं होती। उन्होंने कहा कि हरि सेवा आश्रम का यह प्रयास केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि एक संकल्प है — सेवा, समर्पण और संवेदना का।

उन्होंने भक्त मंडल के युवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि नई पीढ़ी जब समाज सेवा से जुड़ती है, तभी राष्ट्र निर्माण की नींव मजबूत होती है। स्वामीजी ने सभी सहयोगी संस्थाओं और स्वयंसेवकों का आभार प्रकट किया।

आश्रम का सतत सेवा संकल्प

गौरतलब है कि हरि सेवा उदासीन आश्रम भीलवाड़ा वर्ष भर विभिन्न प्रकार के सेवा कार्यों में संलग्न रहता है। ट्रस्ट द्वारा समय-समय पर अन्नदान, वस्त्र वितरण, चिकित्सा शिविर, छात्रवृत्ति वितरण, गौ सेवा एवं प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्य किए जाते हैं। कोरोना काल में भी आश्रम की ओर से बड़े स्तर पर मास्क, सैनिटाइजर, भोजन और दवाइयों का वितरण किया गया था।

बच्चों में दिखी खुशी और उत्साह

ड्रेस और सामग्री प्राप्त कर बच्चों के चेहरों पर जो आत्मीय मुस्कान देखने को मिली, उसने सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत को सार्थक बना दिया। कई बच्चों ने पहली बार नई ड्रेस और स्टेशनरी प्राप्त की थी। छोटी बालिकाओं ने श्रृंगार किट्स पाकर खुशी से झूम उठीं। माता-पिता ने भी आश्रम और ट्रस्ट का आभार जताते हुए कहा कि यह मदद उनके लिए बहुत मायने रखती है।

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समापन पर किया गया प्रसाद वितरण

कार्यक्रम के समापन पर सभी उपस्थित बच्चों को प्रसाद स्वरूप फल, बिस्कुट व टॉफी वितरित की गई। संतों ने बच्चों को आशीर्वाद देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। अंत में उपस्थित सभी सेवाभावी जनों को संस्था की ओर से सम्मान पत्र भी प्रदान किए गए।


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