हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर भीलवाड़ा में बाबा हरिराम साहब जी का 76वां वार्षिक वर्सी उत्सव मनाया
मंगलवार 20 जून को धर्म ध्वजा स्थापना
भीलवाड़ा। हरी शेवा उदासीन आश्रम सनातन मंदिर में आराध्य सतगुरूओं के वार्षिकोत्सव की कड़ी में प्रथम दिन 19 जून गुरूवार को बाबा हरिराम साहब जी का 76वां वार्षिक वर्सी उत्सव श्रद्धा एवं उत्साह से मनाया गया। आज से प्रारम्भ हुए उत्सव में वैदिक विधि विधान से प्रातः मंडल पूजन, रुद्राभिषेक, आध्यात्मिक अनुष्ठान हुए जिसमें संतो महापुरुषों के अतिरिक्त अनुयायियों ने भी आहूतियां दी। प्रातःकाल सतगुरु बाबा हरिराम साहब जी की समाधि पर विशेष पूजन अर्चन किया गया तथा श्री रामायण का अखण्ड पाठ प्रारम्भ हुआ। महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने अपने प्रवचन में कहा कि जिस प्रकार माता पिता अपनी संतान के स्वास्थ्य लाभ हेतु उसे कड़वी दवाई भी जबरन पिलाते हैं, उसी प्रकार गुरु भी अपने शिष्यों को कठोर वचनों द्वारा यदि कोई शिक्षा देते हैं तो उनमें कदापि शिष्य का अहित नहीं होता है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सुपात्र ही अपने पूर्वजों के जीवन चरित्र से कुछ सीख सकते हैं अन्यथा कुपात्र के लिए तो सब व्यर्थ है। भगत नामदेव द्वारा रचित भजन नामे प्रीत नारायण संग लागी के प्रसंगों को समझाते हुए उन्होंने कहा कि कलयुग में केवल नाम सिमरन के द्वारा ही व्यक्ति का उद्धार हो सकता है। सत्संग प्रवचन की श्रंखला में श्री ईश्वर मनोहर उदासीन आश्रम अजमेर के महंत स्वरूपदास उदासीन, श्री शांतानंद उदासीन आश्रम पुष्कर के महंत हनुमान राम उदासीन, राजकोट के स्वामी अमरलाल ने भजन एवं प्रवचन किये। आश्रम के संत मयाराम, संत राजाराम एवं ब्रह्मचारी सिद्धार्थ ,इंद्रदेव, कुणाल एवं मिहिर ने भी दुनिया भले धिकारे ,पायोजी मैंने राम रतन ,स्वर्ग खा भी सुहिनो सचो दरबार आ आदि भजन प्रस्तुत कर संगत को आनंदित किया। अन्नपूर्णा रथ के माध्यम से जरूरतमंदों के लिए हलवा, पुलाव बिस्कुट व रोट प्रसाद का वितरण हुआ। सायँकाल में श्री हनुमान चालीसा, श्री श्रीचंद्र चालीसा, श्री हरि चालीसा आदि के पाठ हुए। संतो, महापुरुषों के भजन कीर्तन का लाभ भी अनुयायियों ने प्राप्त किया। सतगुरुओं की समाधियों एवं आसन साहब पर ध्यान, पूजन अर्चन हुआ।
संत मयाराम ने बताया कि 20 जून मंगलवार को सांयकाल 5:00 बजे धर्म ध्वजा झण्डा साहब की वैदिक मंत्रोंचचार के साथ पूजा होकर स्थापना होगी। श्री जगन्नाथ रथ यात्रा का स्वागत के अलावा नितनेम पूजा पाठ हवन यज्ञ सत्संग कीर्तन होंगे।
Moolchand Peshwani