हरिधाम गांव पं. रमेश ओझा के नवाचारों के कारण स्वालंबी बनने की ओर अग्रसर
पं. रमेश ओझा के आदर्शो आज भी अतुलनीय है-अतुल व्यास
शाहपुरा-मूलचन्द पेसवानी। शाहपुरा के स्वतंत्रता सेनानी पं. रमेशचंद्र ओझा की स्मृतियों को आज की युवा पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए पंडित रमेश चंद्र ओझा स्मृति संस्थान की ओर से हरिधाम ग्राम के बालकों के लिए नवाचार किया जाता रहा है। यहां के बालकों को प्रोत्साहित करने के लिए संस्थान की ओर से हरिधाम के राजकीय उच्च प्राथमितक विद्यालय के स्कूल के बेग मय अध्ययन सामग्री किट के वितरित किये गये। हरिधाम ग्राम में स्वतंत्रता सेनानी पं. रमेशचंद्र ओझा आजादी आंदोलन व बाद में जनजागरण कर लोगों को जागृत करने व स्वालंबी बनाने का मार्ग प्रशस्त किया था। 1951 से यह राजस्व गांव बन गया उसके बाद से ग्रामीण अब यहां अपने स्तर पर काम धंधा कर रहे है।
आज यहां पंडित रमेश चंद्र ओझा स्मृति संस्थान की ओर से राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय हरिधाम में कार्यक्रम आयोजित करके स्कूली बच्चों को पं. ओझा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालकर बच्चों से उनके जीवन से प्रेरणा लेने का आव्हान किया गया।
गांव के ही रामदेव की अध्यक्षता एवं अतुल व्यास के मुख्य आतिथ्य में आयोजित समारोह में स्कूल के सभी बच्चों को स्कूल के बेग मय अध्ययन सामग्री किट के वितरित किये गये। इस मौके पर संस्थान के अखिल व्यास ने सभी का स्वागत किया। अणुव्रत समिति शाहपुरा के संगठन मंत्री गोपाल लाल पंचोली ने कहा कि ऐसे मनीषियों की प्रेरणा से आज भारत को स्वालंबी बनाकर आत्मनिर्भरता के मार्ग को प्रशस्त किया जा सकता है। विषम परिस्थितियों में भी पं. ओझा ने हरिधाम को बसा कर यहां विस्थापित ग्रामीणों को आज इस मुकाम पर पहुंचाया तो निश्चित रूप् से आज तो भौतिक संसाधनों के दौर में देश केा आत्मनिर्भर बनाया ही जा सकता है। इसके साथ ही शिक्षा पर भी उन्होंने जोर दिया। पंचोली ने अणुव्रत महासमिति के लोकतंत्र को मजबूत बनाओ और चुनाव आयोग के स्वीप कार्यक्रम के तहत उपस्थित लोगों को विधानसभा चुनाव में मतदान करने की शपथ दिलायी तथा सभी ग्रामीणों से मतदान का प्रयोग आवश्यक रूप से करने का आव्हान किया।
मुख्य अतिथि अतुल व्यास ने अपने बचपन में हरिधाम पहुंचने के किस्से सुनाते हुए कहा कि पं. ओझा उनके नानाजी थे। महात्मा गांधी के आदर्शो को उन्होंने हमेशा आत्मसात किया। गांधीवादी व सर्वाेदयी विचार धारा को निरंतर प्रवाहित करते हुए पं. ओझा ने शाहपुरा रियासत एवं राजस्थान क्षेत्र में जो कार्य किया वो अतुलनीय है। आज उनके बताये मार्ग पर चलने व उनके द्वारा निर्धारित मानदंडों पर चलने की महत्ती जरूरत है।
इस मौके पर शोभाग कुमावत, राम देव, बद्रीलाल, सीता राम, कांता शर्मा आदि उपस्थित रहे। अध्यापिका पूजा चोधरी ने सभी का आभार जताते हुए कहा कि पं. ओझा के विचारों को विद्यालय में प्रतिदिन बताकर विद्यार्थियों में नवाचार किया जायेगा। उन्होंने बताया कि नवोदय परीक्षा में भी यहां के बच्चों को जोड़ा जा रहा है। स्कूल भवन की छत टपकने के कारण अध्यापन में दिक्कत है। अध्यापकों के पद रिक्त होने के कारण भी अध्यापन कार्य प्रभावित होता है पर अपने स्तर पर ही समुचित प्रबंध करके विद्यार्थियों के हितों को संरक्षित करने का सभी संभव प्रयास किया जा रहा है।