वैकल्पिक रास्ते से भारी वाहन भर रहे फर्राटे दे रहे हादसे का दावत

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शिवराजपुर की क्षतिग्रस्त पुलिया के निर्माण कार्य में जेई और ठेकेदार की जुगलबंदी की लेट लतीफी से बज रही खतरे की घंटी

वैकल्पिक रास्ते से भारी वाहन भर रहे फर्राटे दे रहे हादसे का दावत

प्रयागराज। ब्यूरो राजदेव द्विवेदी। जनपद के यमुनानगर शिवराजपुर से शंकरगढ़ नारी बारी रोड पर हो रहे पुलिया के निर्माण में ठेकेदार द्वारा घोर लापरवाही बरती जा रही है। साल भर से पुलिया को खोदकर के रास्ते को बंद कर दिया गया है राहगीरों को आने-जाने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हर दिन कोई ना कोई वैकल्पिक रास्ते में हादसे का शिकार हो जाता है। कार्य धीमी गति से चलने के कारण अभी तक पुलिया का कार्य अधर में लटका हुआ है। ठेकेदार द्वारा संसाधनों का उपयोग नहीं किया जा रहा है और रुक रुक कर काम कराने की वजह से पुलिया निर्माण में देरी हो रही है ,जब किअब तक पुलिया का आवागमन शुरू हो जाना चाहिए था। इस संबंध में जब पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार से बात की गई तो उन्होंने गोल मोल जवाब देते हुए बताया कि विभाग से क्षतिग्रस्त पुलिया का निर्माण कराने के लिए 1 वर्ष का समय मिला हुआ है समय खत्म होते होते पुलिया का कार्य करा दिया जाएगा।

बता दें कि पुलिया निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है पीडब्ल्यूडी के मानक के अनुसार ठेकेदार द्वारा कोई भी कार्य नहीं कराया जा रहा है।जेई और ठेकेदार भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। और ना ही उन्हें आम जनता के सुरक्षा एवं जान माल से कोई लेना देना है। लोग जान हथेली में रखकर आने जाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो विभागीय जिम्मेदारों की मौन स्वीकृति से ठेकेदार मानक को ताक पर रखकर कार्य को अंजाम दे रहा है। बता दें कि प्रशासन ने लोगों को खतरे से सावधान किया है और उससे संबंधित बोर्ड भी सड़क किनारे लगा दिया है जिस पर लिखा है की पुलिया का कार्य प्रगति पर है भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित है। साथ ही बड़े-बड़े पत्थर के शिला सड़क के आड़े तिरछे रखे गए हैं बावजूद उसके हकीकत यह है कि इस मार्ग पर दिन रात आराम से भारी वाहनों की आवाजाही हो रही है लेकिन उन्हें रोकने वाला मौके पर कोई जिम्मेदार नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में भारी व ओवरलोड वाहन दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। आखिर सवाल यह उठता है कि किसके इशारे पर भारी वाहन आराम से फर्राटे भर रहे हैं। जबकि प्रशासन ने चेतावनी का बोर्ड वहां लगा दिया है और भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया है। कभी किसी भी समय बड़ा हादसा होने से नकारा नहीं जा सकता जो अपने आप में यह बड़ा और अहम सवाल है पूछती है जनता कि आखिर जिम्मेदार कौन।


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