हीरालाल सांवरिया बने भारत के मुख्य सूचना आयुक्त
बृज मेवात के पहाड़ी में हुआ है उनका जन्म
8 माह पूर्व शादी समारोह में की थी शिरकत
डीग-राजस्थान के डीग जिले के पहाड़ी कस्बे के रहने वाले हीरालाल सामरिया को भारत का मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया है जिससे परिवार व क्षेत्र में बधाइयों ,शुभकामनाओं का दौर जारी है,हीरालाल सामरिया का पहाड़ी के दलित परिवार में 1961 में जन्म लिया,शुरू से परिवार के लोगों ने शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया और अपनी मेहनत व लगन से उच्च पदों पर रहते हुए बड़ा मुकाम हासिल किया है,
हीरालाल सामरिया के घरेलू शख्स विष्णु पाठक ने बताया कि, हीरालाल सांवरिया का जन्म 1961 में पहाड़ी में ही हुआ था। उनके पिता नत्थी लाल सामरिया राजस्थान पुलिस में आरपीएस रहे थे। इसलिए उनकी नौकरी राजस्थान में जगह जगह ज्यादातर बाहर रही। जिसके कारण हीरालाल सामरिया ने भी अपनी शिक्षा बाहर से प्राप्त की, हीरालाल सामरिया के पिता नत्थीलाल सामरिया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक से रिटायर्ड हुए। वर्ष 2000 में वह नगर पंचायत समिति से सदस्य का चुनाव लड़े,और डटकर अपने प्रतिद्वंदी से मुकाबला जीत गए। 3 वर्ष बाद नत्थीलाल सामरिया का स्वर्गवास हो गया। हीरालाल सामरिया का परिवार उनके साथ ही रहता है। उनका बेटा पीयूष सामरिया राजस्थान में IAS व पुत्र वधु मोनिका आयकर विभाग में कमिश्नर हैं। एक बेटी पल्लवी है वह डॉक्टर है। उनके पड़ोसी ओमप्रकाश ने बताया कि, आज भी पहाड़ी कस्बे में हीरालाल सामरिया के मकान व कृषि भूमि है, 8 महीने पूर्व पारिवारिक शादी में शिरकत की थी। जिसमें हीरालाल सामरिया आये थे। 1985 के बैच में वह IAS बने। पहाड़ी के आसपास के इलाकों में उन्हें सभी लोग जानते हैं। हीरालाल सामरिया को भारत का मुख्य सूचना आयुक्त बनाया गया है। इससे पूरे इलाके में खुशी का माहौल है। हीरालाल सामरिया ने बृज मेवात क्षेत्र का नाम रोशन किया है।
पहले दलित सीआईसी:-1985 बैच के आईएएस हीरालाल सामरिया पहले दलित सीआईसी है जिनकी उम्र करीब 63 वर्ष है जो अपनी मेहनत लगन से इतने बड़े मुकाम हासिल किया।
पढ़ाई में किया कड़ा संघर्ष:-पहाड़ी कस्बे से अलवर जयपुर जाने के लिए उस वक्त न तो साधन थे 7 से 8 घंटे जयपुर जाने में लग जाते थे सड़कें तक नही थी,हीरालाल सामरिया ने चित्तौड़गढ़ से सिविल इंजीनियर की पढ़ाई की जिसके बाद वह आईएएस की परीक्षा में बैठे और उनका आंध्रा कैडर में सलेक्शन हो गया जिसके बाद श्रम एवम रोजगार मंत्रालय दिल्ली में सचिव रहे जिसके बाद रिटायर्ड हुए उनका जीवन पढ़ाई से लेकर अब तक कड़े संघर्षों के बाद इस मुकाम तक पहुंचे है।
फोटो कैप्शन
1.हीरालाल सांवरिया