आशा और उम्मीद नई सरकार से

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पुजी बाई जन्म से ही दिव्यांग परन्तु नहीं मिल रही सहायता

बांसवाड़ा, अरूण जोशी ब्यूरो चीफ: जिला मुख्यालय से मात्र 12किलो मीटर दुरी पर स्थित ग्राम पंचायत सागडोद के गांव हेरापाडा में दिव्यांग पुजी बाई की कोई सुनवाई नही हो रहीं हैं‌।जिला प्रशासन के माध्यम से दिव्यागता के तीन-तीन प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए, आधार कार्ड भी बना दिया गया, जन आधार कार्ड भी बन गया परंतु आज तक पेंशन नसीब नहीं हो पा रहीं हैं आज से 9 महीने पूर्व भी गुहार लगाई थी तब प्रशासनिक अमला घर पहुंचा खानापूर्ति के नाम पर साइकिल दे दी गई परंतु व्हीलचेयर को चलायेगा कौन, पुजी बाई के ना हाथ चलने लायक या नहीं पैर समस्त 80% शरीर का पूरा हिस्सा दिव्यांग है मैंने कई बार स्थानीय स्तर से लेकर जिला प्रशासन तक खबर को पहुंचाया कि मुझे पेंशन तो नसीब करवा दो। परंतु आज तक कुछ हो नहीं पाया है।वाग्धारा सस्थां के कमलेश बुनकर के माध्यम से बताया गया कि पूर्व में भी संस्था के माध्यम से समस्त कागज तैयार कर दिए गए थे परंतु आज पुनः जानकारी में पता चला की अभी तक पेंशन नसीब नहीं हो पाई है पूरी जानकारी लेकर जिला प्रशासन को अवगत करवा कर एक माह के भीतर पेंशन दिलवाने की पूरी कोशिश की जाएगी ।ग्रामीण शंभू भाई ,गोतम भाई एवं अन्य जनों ने भी बताया कि आखिरकार सरकार की ऐसी कौन सी लाचारी है जो इतने वर्षों बाद भी सरकार को नजर नहीं आया की गांव से लेकर जिला स्तर तक सरकार का हर प्रशासनिक अधिकारी हर 6 माह में रिपोर्ट बनाते हैं। और प्रशासन को भेजते भी है परंतु उसके बावजूद भी इन लोगों पर किसी की भी नजर नहीं पड़ी। ना हक का पैसा मिलता है,आखिरकार यह जाए भी तो कहां जाए, किसी की भी नजरों में यह क्यों नहीं आता सरकार को देखना चाहिए अभी तक किसी प्रकार का लाभ नहीं मिला परंतु मैंने इतनी दिव्यागता के बावजूद भी शत प्रतिशत हर वर्ष मतदान करने जाती हूं। आजकल अधिकांश लोग यह सोचते हैं कि हम आखिरकार मतदान क्यों करें हमें तो कुछ मिलता ही नहीं परंतु विचार कीजिए पुजी बाई को भी अभी तक किसी प्रकार का कोई लाभ नहीं मिला है फिर भी वह बताती है कि मेरा सभी तरह के मतदान करने में सरपंच से लेकर सांसद तक के मतदान में करने जाती हूं मैं कभी किसी प्रकार की कोई आनाकानी नहीं की परंतु में लाचार हू मुझे भी किसी योजना से लाभ मिलना चाहिए। ये जानकारी कमलेश बुनकर ने दी।


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